गगल में बेली ब्रिज की प्लेट उखड़ी, यातायात जाम

पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गगल के समीप मांझी खड्ड पर बने बेली ब्रिज की लोहे की प्लेट बुधवार सायं उखड़ गई।

By Edited By: Publish:Wed, 12 Dec 2018 11:18 PM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 11:38 AM (IST)
गगल में बेली ब्रिज की प्लेट उखड़ी, यातायात जाम
गगल में बेली ब्रिज की प्लेट उखड़ी, यातायात जाम

नीरज व्यास, कांगड़ा। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गगल के समीप मांझी खड्ड पर बने बेली ब्रिज की लोहे की प्लेट बुधवार सायं उखड़ गई। इस कारण रात करीब सवार नौ बजे तक करीब साढ़े तीन घंटे यातायात जाम हो गया। इस कारण गंतव्य की ओर जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी बरातों को हुई और दूल्हे समय पर नहीं पहुंच पाए। साथ ही पालमपुर की ओर जाने वाले वाहन चालकों को वाया धर्मशाला जाना पड़ा।

हालांकि पुलिस ने जाम को खुलवाने का प्रयास किया व कुछ वैकल्पिक मार्गो का भी प्रयोग किया। बावजूद इसके लंबे होते यातायात जाम को कम नहीं कर सके। बड़े वाहन ट्रक व बसें तो पीछे ही पार्क होने शुरू हो गए तो हल्के वाहन भी पुल से नहीं गुजर सके। इस कारण जाम लंबा होता चला गया। जैसे -तैसे कर पुलिस ने प्लेट टूटने के कारण पुल के एक तरफ से वाहनों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू किया लेकिन जाम को खुलवाते -खुलवाते पुलिस को भी घंटों समय लग गया। सवा नौ बजे तक पुलिस यातायात जाम को खुलवा सकी।

मांझी खड्ड पर बनाए गए बेली ब्रिज पर हर वक्त दो जवान तैनात रहते हैं। जब पुल की प्लेट उखड़ने की सूचना मिली है तो थाने से अतिरिक्त बल यहां लगाया गया। जब बात न बनी तो तकरीबन पूरा थाना ही यातायात बहाली के लिए जुट गया। पुल में अवरोध होने के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ी। रात सवा नौ बजे तक मार्ग बहाल कर दिया है। जिस जगह प्लेट निकली है वहां भी साइनर लगा दिया है ताकि कोई चालक गलती न करे। इस बारे में लोनिवि के अधिकारियों से भी बात की, लेकिन यहां कोई नहीं पहुंचा। -नरेश शर्मा, थाना प्रभारी,

गगल गगल में मांझी पुल की लोहे की प्लेट निकल गई है। ऐसी सूचना मिली है लेकिन अब यह सुबह ही रिपेयर होगा। कोई वेल्डर नहीं है और सुबह जल्दी वेल्डर लाकर इसे वेल्ड करना पड़ेगा। अभी कुछ नहीं कर सकते। राजीव गुलेरिया, कनिष्ठ अभियंता गगल

आपदा प्रबंधन के दावे हवा जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन के दावे करता है लेकिन पुल की मामूली सी प्लेट को जोड़ने के लिए लोनिवि व संबंधित ठेकेदार का कोई व्यक्ति नहीं पहुंचा। हिमाचल प्रदेश सरकार व पूरा अमला धर्मशाला में है बावजूद इसके किसी को कोई परवाह नहीं। तीन घंटे से अधिक का समय लोगों को परेशानी में गुजारना पड़ा। जबकि विवाह शादी का सीजन होने के कारण सड़कों में वाहनों की आवाजाही अधिक रही।

निर्धारित समय में नहीं बन सका पुल अंग्रेजों के जमाने में बना पुल अक्सर आवाजाही के लिए बाधा बनता था। इसके स्थान पर बड़ा पुल बनाने की करीब दस करोड़ रुपये की परियोजना को नवंबर 2017 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बाद में इस लक्ष्य को बढ़ा दिया था। अधिकारियों ने वर्ष 2018 के शुरू के छह माह के बीच में यह पुल बनकर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। वर्ष 2018 का अंतिम माह चल रहा है, लेकिन अभी तक यह पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है।

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