देहरा में निजी स्‍कूल ने वार्षिक शुल्क की एवज में रोक दिया परीक्षा परिणाम, भड़के अभिभावकों का प्रदर्शन

Dehra Private School देहरा के एक निजी स्कूल की ओर से वार्षिक शुल्क की अदायगी न करने पर बच्चों का परीक्षा परिणाम रोकने पर अभिभावक भड़क उठे हैं। अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग उठाई है।

By Edited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 09:55 AM (IST)
देहरा में निजी स्‍कूल ने वार्षिक शुल्क की एवज में रोक दिया परीक्षा परिणाम, भड़के अभिभावकों का प्रदर्शन
वार्षिक शुल्क की अदायगी न करने पर बच्चों का परीक्षा परिणाम रोकने पर अभिभावक भड़क उठे हैं।

देहरा, संवाद सहयोगी। देहरा के एक निजी स्कूल की ओर से वार्षिक शुल्क की अदायगी न करने पर बच्चों का परीक्षा परिणाम रोकने पर अभिभावक भड़क उठे हैं। अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री से मामले में हस्तक्षेप की मांग उठाई है। निजी स्कूल में मंगलवार सुबह ही अभिभावकों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। बताया जा रहा है कि स्कूल प्रबंधन वार्षिक शुल्क 4100 रुपये छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अभिभावकों के अनुसार प्रदेश सरकार ने वार्षिक शुल्क न लेने की स्कूलों को हिदायत जारी कर की है। बावजूद इसके स्कूल ने वार्षिक शुल्क के बिना बच्चों का परिणाम रोक दिया है। इससे गुस्साए अभिभावक एकजुट होकर स्कूल प्रशासन से मिले। बताते हैं कि प्रिंसिपल की गैरमौजूदगी में अन्य शिक्षकों ने इस पर थोड़ा समय मांगा है।

उधर, देहरा के अधिवक्ता विकास चौधरी ने कहा है कि वह सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार कोई भी वार्षिक शुल्क नहीं देंगे। स्कूल प्रबंधन के पास वह फीस जमा करवा चुके हैं फिर भी परिणाम रोका जा रहा है। अभिभावकों देहरा नगर परिषद के पार्षद सुनीता शर्मा, अधिवक्ता विकास चौधरी, रविंदर शर्मा, अक्षय कुमार, पवन शर्मा, पंकज मेहरा व शशिपाल आदि स्कूल पहुंचे थे। स्कूल प्रशासन के अनुसार वह सरकार की गाइडलाइन और स्कूल मैनेजमेंट के आदेश की अनदेखी नहीं कर सकते। अधिवक्ता विकास चौधरी के अनुसार सभी अभिभावक उपायुक्त कांगड़ा मिलेंगे और फिर शिक्षा मंत्री से भी मिलने के लिए रणनीति बनाएंगे।

स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों अनुसार उन्होंने वार्षिक शुल्क 65 सौ से घटाकर 4100 रुपये कर दिया है। साथ ही अगर किसी अभिभावक की जॉब छूट चुकी है या व्यापार में नुकसान हो गया है उनके लिए भी मैनेजमेंट ने जनता के हित में कई फैसले लिए हैं। कोई भी अभिभावक उनसे मिल सकता है।

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