गड़बड़ी पर अब सहकारी सभाओं के ऑडिटर पर होगी कार्रवाई

सहकारी सभाओं के ऑडिट में यदि कोई गड़बडी पाई गई या ऑडिट प्रक्रिया सही ढंग से न की गई तो ऑडिटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sun, 01 Sep 2019 09:47 AM (IST) Updated:Sun, 01 Sep 2019 09:48 AM (IST)
गड़बड़ी पर अब सहकारी सभाओं के ऑडिटर पर होगी कार्रवाई
गड़बड़ी पर अब सहकारी सभाओं के ऑडिटर पर होगी कार्रवाई

शिमला, जेएनएन। सहकारी सभाओं के ऑडिट में यदि कोई गड़बडी पाई गई या ऑडिट प्रक्रिया सही ढंग से न की गई तो ऑडिटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदेश की सहकारी सभाओं में गड़बडिय़ों के 13 मामले सामने आए हैं। इन मामलों का ऑडिट हुआ था या नहीं, इसकी भी जांच होगी। यदि ऑडिट हुआ था तो ऑडिट करने वाले के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह बात सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने विधानसभा में जवाली के विधायक अर्जुन सिंह के सहकारी सभाओं में हुए घपलों पर पूछे सवाल के जबाव में कही।

मंत्री ने कहा कि अभी तक प्रदेश की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार या गलत वित्तीय प्रबंधन के 13 मामले सामने आए हैं। इसमें करीब 52 करोड़ रुपये का घपला हुआ है। मंत्री ने स्वीकार किया कि सहकारी सभाओं की ऑडिट प्रक्रिया सही ढंग से नहीं होती है। ऑडिट करने के लिए आने वाले ऑडिटर को मैनेज कर लिया जाता है। भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए ऑडिटरों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। सहकारी सभाओं में ऑडिट करने के लिए सर्टिफाइड ऑडिटर शामिल किए जाएंगे। विभाग काबिल लोगों को ऑडिट के लिए नियुक्त कर सारी प्रक्रिया की निगरानी करेगा।

उन्होंने कहा कि सहकारी सभाओं में सचिव पद की कुर्सी खानदानी पेशा बन गया था। लेकिन सरकार ने अब इस पर रोक लगाने के लिए सहकारिता से प्रशिक्षण प्राप्त करने के दस अंक देने की शर्त को हटा दिया है। अब योग्यता के आधार पर ही सहकारी सभा के सचिव पद पर नियुक्ति होगी। विधायक राकेश पठानिया ने सवाल उठाया कि सहकारी सभाओं में ऐसे बहुत घपले हैं जो  सामने नहीं आए हैं, क्योंकि ऑडिटर की खातिरदारी कर दी जाती है। ऐसी चीजों पर रोक लगाने की जरूरत है।

chat bot
आपका साथी