संसदीय क्षेत्र मुद्दा : चुनावी वादे से आगे नहीं सरका सीमेंट कारखाना

No development in cement industry issue जिला चंबा में बेरोजगारी दूर करने के लिए उपमंडल चुराह के सिकरीधार में सीमेंट कारखाना खोलना चुनावी जुमले से आगे नहीं बढ़ पाया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 01:21 PM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 01:52 PM (IST)
संसदीय क्षेत्र मुद्दा : चुनावी वादे से आगे नहीं सरका सीमेंट कारखाना
संसदीय क्षेत्र मुद्दा : चुनावी वादे से आगे नहीं सरका सीमेंट कारखाना

मिथुन ठाकुर, चंबा। जिला चंबा में बेरोजगारी दूर करने के लिए उपमंडल चुराह के सिकरीधार में  सीमेंट कारखाना खोलना महज चुनावी जुमले से आगे नहीं बढ़ पाया है। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो नेताओं को सीमेंट कारखाना खोलने की याद आती है। इस दौरान लोगों को सिर्फ भरोसा ही मिलता है लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं की जाती है। यही कारण है कि आज दिन तक चंबा में सीमेंट कारखाना नहीं खुल पाया। राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर बेरोजगारों को सपने ही दिखाए हैं। चंबा जैसे जिले के विकास के लिए सीमेंट कारखाना मील का पत्थर साबित हो सकता था, लेकिन ऐसा अब तक देखने को नहीं मिल पाया है। सांसद शांता कुमार का चंबा में सीमेंट कारखाना खुलवाना ड्रीम प्रोजेक्ट भी रहा है। अगर सीमेंट प्लांट लगता तो हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलना था।

चुनाव के दौरान कई वादे किए जाते हैं लेकिन इनमें से अधिकतर पूरे नहीं हो पाते हैं। यदि नेता कोई वादा जनता के साथ करते हैं तो उसे कार्यकाल के दौरान पूरा करवाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है। -अमर सिंह, सेवानिवृत्त कैप्टन

सीमेंट प्लांट को लेकर क्षेत्र की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।  चुनाव के दौरान लोलीपॉप थमा दिया जाता है। यदि वादे पूरे नहीं हो सकते तो उन्हें जनता से करने का कोई मतलब नहीं है। -बरकत अली, निवासी तीसा

सीमेंट प्लांट स्थापित किया जाता तो बेरोजगारों की समस्या काफी हद तक हल हो सकती थी। अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। चुनाव के दौरान वही वादे करें जिन्हें पूरा किया जा सके। -दलीप कुमार, निवासी बनवाली।

सीमेंट प्लांट लगने के बारे में बचपन से सुन रहे हैं लेकिन आज दिन तक यह चुनावी जुमले से आगे नहीं बढ़ पाया है। नेता जनता से किए वादों को पूरा करें। -खेमराज, प्रधान ग्राम पंचायत घुलेई।

जैसे-जैसे चुनाव आते हैं, सिकरीधार का मुद्दा उठता है। इस दौरान कारखाने को जल्द खोलने के वादे किए जाते हैं, लेकिन जब सरकार बन जाती है मुद्दे भूल जाते हैं। अब यह बहाना लगाया जा रहा है कि सड़क न होने से कार्य लटक गया है। -मान सिंह, संयोजक कल्हेल विकास संगठन।

सांसद ने लोगों को भरोसा दिया था कि सिकरीधार सीमेंट प्लांट का कार्य हर हाल में शुरू कर दिया जाएगा लेकिन पांच साल गुजरने के बाद भी नतीजा शून्य ही है। यदि कार्य शुरू होता तो युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने थे। -शरीफ मुहम्मद, निवासी तीसा

सिकरीधार सीमेंट प्लांट को लगवाने में इतने वर्ष बीत गए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्लांट को लगवाने में नेता कितने दिलचस्प हैं। सीमेंट प्लांट लग जाता तो इसका लाभ बेरोजगारों को मिलना था। -जय सिंह, उपप्रधान ग्राम पंचायत थल्ली।

केंद्र तथा प्रदेश सरकार विकास करवाने में नाकाम रही हैं। जबसे भाजपा के दिग्गज नेता शांता कुमार चुनाव लड़ रहे हैं तबसे सिकरीधार सीमेंट प्लांट का मुद्दा उठाते हैं। कार्य को जल्द पूरा करने की बात चुनाव के दौरान कही जाती है। इतने वर्षों बाद भी सीमेंट प्लांट नहीं लग पाया है। इससे साफ पता चलता है कि सांसद प्लांट को लेकर कितने गंभीर हैं। -चंद्र कुमार, पूर्व सांसद।

सिकरीधार सीमेंट प्लांट को लेकर औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। इस दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। सिकरीधार तक सड़क न होने से निर्माण कार्य में देरी हुई है। सड़क सहित अन्य समस्याओं का जल्द समाधान कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। -शांता कुमार, सांसद

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