एंबुलेंस के जमाने में पालकी ही सहारा

विधानसभा क्षेत्र जसवां परागपुर के तहत मचकुंड के बाशिंदे 72 साल से पक्की सड़क की राह देख रहे हैं। दस वर्ष पहले मार्ग निर्माण योजना बनी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

By Edited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 10:36 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 10:36 AM (IST)
एंबुलेंस के जमाने में पालकी ही सहारा
एंबुलेंस के जमाने में पालकी ही सहारा

जेएनएन, जसवां परागपुर। विधानसभा क्षेत्र जसवां परागपुर के तहत मचकुंड के बाशिंदे 72 साल से पक्की सड़क की राह देख रहे हैं। ऐसा नहीं है कि गांव के लिए सड़क बनाने की योजना नहीं है। करीब दस वर्ष पहले योजना बनी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालात यह है कि खस्ताहाल सड़क के कारण गांव में 108 एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती है।

अगर कोई बीमार हो जाए तो मरीज को पालकी में डालकर पांच किलोमीटर दूर बीहण पहुंचाना पड़ता है। बड़ी बात यह है इस मार्ग के तहत लंबर, बेहड़, पनचबेड़, डोलबड़ी, नंगल व घयोरी गांव भी आते हैं। कई बार स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक मंचों से सड़क और ग्रामीणों के दर्द को साझा किया। प्रतिनिधियों को आश्वासन देने केलिए अधिकारियों को मौखिक रूप से आदेश भी जारी हो गए, लेकिन धरातल स्तर पर आज दिन तक किसी भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।

हालत यह हो गई है कि संबंधित विभागों के अधिकारी भी इस बाबत कन्नी काट लेते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार मंत्रियों से भी बातचीत की है लेकिन आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला है। लोगों ने स्थानीय विधायक एवं मंत्री बिक्रम ठाकुर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व सांसद अनुराग ठाकुर से मांग की है कि सड़क को पक्का किया जाएग।

जबसे होश संभाला है तबसे सड़क की हालत ऐसी ही है।बुजुर्ग बताते हैं कि सात दशक पहले यह कच्ची सड़क बनी थी, लेकिन आजतक पक्की नहीं हो पाई है।

-दीपक कुमार, ग्रामीण।

पूर्व सरकार के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब वर्तमान सरकार के समक्ष मांग उठाई है। उम्मीद है कि इस बाबत कार्रवाई की जाएगी।

पूनम कुमारी, जिला परिषद सदस्य।

कई बार सड़क को पक्का करने के लिए लोक निर्माण विभाग से बात की लेकिन कुछ नहीं हुआ। पंचायत स्तर पर प्रस्ताव भी डाला गया, लेकिन स्थिति जस की तस है।

अनुराधा, प्रधान ग्राम पंचायत बीहण।

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