इस तरह लाखों लोगों के जीवन में स्‍वास्‍थ्‍य का उजाला लाएगा एम्‍स बिलासपुर

अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 को समापन हुआ। इसके बाद देश अमृतकाल की ओर बढ़ चुका है। अमृतकाल में देश विकासशील से विकसित होने की इबारत लिख रहा है। इसी कड़ी में करीब 1500 करोड़ की लागत से तैयार हुआ एम्स बिलासपुर हिमाचल के अमृतकाल का अध्याय है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 01 Oct 2022 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 01 Oct 2022 08:00 PM (IST)
इस तरह लाखों लोगों के जीवन में स्‍वास्‍थ्‍य का उजाला लाएगा एम्‍स बिलासपुर
देश में मरीज के इलाज के लिए एम्‍स बेहतर संस्थान कोई नहीं है।

शिमला,जागरण संवाददाता। देश की आजादी के अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 को समापन हुआ। इसके बाद देश अमृतकाल की ओर बढ़ चुका है। अमृतकाल में देश विकासशील से विकसित होने की इबारत लिख रहा है। इसी कड़ी में करीब 1500 करोड़ की लागत से तैयार हुआ एम्स बिलासपुर हिमाचल के अमृतकाल का अध्याय है। एम्स (अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान) देश का सर्वोच्च स्वास्थ्य संस्थान है। देश में मरीज के इलाज के लिए इससे बेहतर संस्थान कोई नहीं है।

पहला एम्स 1956 में दिल्ली में हुआ था स्‍थापित

देश का पहला एम्स 1956 में दिल्ली से स्थापित किया गया था। हालांकि यह विडंबना ही रही देश की आबादी जिस गति से बढ़ी उस गति से एम्स और मेडिकल कॉलेज स्वास्थ्य संस्थान नहीं खोले गए। 1956 के बाद देश में 6 एम्स खोलने की घोषणा 2003 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने की थी। कुल मिलाकर देश में मई 2014 तक 8 एम्स थे, जिनकी या तो घोषणा हो चुकी थी या फिर इस पर काम कर रहे थे। इनमें से एक एम्स पंडित नेहरू की सरकार, 6 एम्स वाजेपयी सरकार और एक एम्स मनमोहन सरकार की ओर से बनाने की घोषणा की गई थी।

मई 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने का ऐलान किया। देशभर में 15 नए एम्स खोलने की घोषणा की। उस समय केंद्र सरकार में हिमाचल से जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे। निश्चित तौर पर इसका लाभ हिमाचल को हुआ। उन्होंने मंत्री रहते हुए हिमाचल को एम्स को तोहफा दिया। उस समय घोषणा करने के बाद जो सपना देखा था, वे इतनी जल्दी पूरा होगा, ये सोच भी नहीं सकते थे। आठ सालों में सपने को हकीकत में पूरा कर दिया। इस जमीन पर उतार दिया है, इसे अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अक्टूबर को पूरा कर हिमाचल की जनता को सौंप देंगे।

मानकों के लिहाज से ये कहती है स्वास्थ्य जरूरतें

डब्ल्यूएचओ के मानक कहते हैं कि 1000 लोगों पर कम से कम एक डॉक्टर होना जरूरी है। 2014 के बाद जिस रफ्तार से हिमाचल में मेडिकल कॉलेज को लेकर काम हो रहा है। उस पर एम्स एक ताज है। आने वाले कुछ वर्षों में हिमाचल में एम्स सहित सरकारी कॉलेजों से हर वर्ष 700 से ज्यादा डॉक्टर पासआउट होंगे , ये निश्चित तौर पर हिमाचल ही नहीं देश की जरूरतों को भी पूरा करेंगे। जबकि 2017 से पहले तक हिमाचल प्रदेश से केवल 200 एमबीबीएस डॉक्टर ही पासआउट होते थे।

पीजीआई चंडीगढ़ की दूरी नहीं करनी होगी तय

जल्द ही हिमाचल प्रदेश के मरीजों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या दिल्ली एम्स नहीं जाना होगा। निकट भविष्य में सभी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं बिलासपुर में ही मिलेंगी। हिमाचल के लोगों को पीजीआई से बेहतर इलाज राज्य में मिलेगा।

एम्स के साथ ही कोठीपुरा भी शहर में हो जाएगा तबदील

एम्स के बनने के बाद स्वास्थ्य सुविधाए तो बेहतर होती हैं बल्कि इतने बड़े प्रोजेक्ट के आने से आसपास के क्षेत्र का भी विकास होता है। हज़ारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होता है। कुछ वर्षों में एम्स में हर समय डॉक्टर, मरीज, तीमारदारों, स्टाफ सहित करीब 2500 से 3000 लोग एक स्थान पर होंगे। इनके रहने, खान-पाना, आवासीय सुविधा जरूरतों प्राइवेट संसाधन ही पूरी कर पाएंगे, जिससे रोजगार पैदा होगा।

750 बिस्तरों की सुविधा, डायलसिज और कीमोथेरेपी की सुविधा

एम्स में 750 बिस्तों की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा 100 एमबीबीएस सीटें और 60 नर्सिंग सीटें होंगी। यहां पर अभी कैथलैब, डयलसिज सेंटर और कैंसर थेरेपी की शुरुआत भी की जा चुकी है।

पहाड़ी राज्य होने के नाते थी ज्यादा दरकार

मेडिकल कालेज और एम्स एक साल में तैयार नहीं होते। नियमों के तहत एक मेडिकल कालेज और एम्स संस्थान में तमाम सुविधाएं प्रदान करने में कम से कम 10 साल लगते हैं। एक एमबीबीएस डाक्टर के तैयार होने में कम से कम 5 से 6 साल लगते हैं। स्पेशलिस्ट डाक्टर बनने में होने में कम से कम 8 से 10 साल लगते हैं। सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टर के तैयार होने में कम से कम 12 से 15 वर्ष लगते हैं। यह समय अवधि भी तब है यदि डाक्टर लगातार ही पढ़ाई करता रहे। इसलिए स्वास्थ्य ढांचे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

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