VIDEO: पूरी तरह से रिस गया नड्डी की डल झील का जल, तड़प-तड़प कर मरने लगी मछलियां
Naddi Dal Lake पिछले करीब 8-10 दिनों से रिसाव का दंश झेल रही आस्था का केंद्र मैक्लोडगंज नड्डी की डल झील लगभग पूरी तरह से सूख गई है। सोमवार सुबह झील की स्थिति यह हो गई है कि झील का लगभग सारा पानी रिस गया है।
धर्मशाला, मुनीष गारिया। Naddi Dal Lake, पिछले करीब 8-10 दिनों से रिसाव का दंश झेल रही आस्था का केंद्र मैक्लोडगंज नड्डी की डल झील लगभग पूरी तरह से सूख गई है। सोमवार सुबह झील की स्थिति यह हो गई है कि झील का लगभग सारा पानी रिस गया है। जिसकी भेंट यहां की मछलियां चढ़ रही हैं। झील में पल रही बड़ी लगभग सभी मछलियां मर चुकी हैं। अब छोटी छोटी मछलियां बची हैं, वो भी बहुत कम पानी में तड़प रही हैं। झील का ऐसा आलम एक बार पहले भी हुआ था। 2014 में जब झील सूखी थी तो यहां की मछलियां मर गई थीं।
यहां बता दें कि वर्ष 2014 से झील से पानी का रिसाव शुरू हुआ था, लेकिन प्रशासन आज दिन तक इसे रोकने में विफल रहा है। झील के सुंदरीकरण के नाम पर सरकारें और प्रशासन अब तक लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। लेकिन परिणाम आज दिन तक शून्य ही है। मौजूदा स्थिति यह हो गई है कि झील के किनारों की गाद में सूखकर दरारें आ गईं हैं। पूरी तरह से रिस गया नड्डी की डल झील का जल, तड़प-तड़प कर मरने लगी मछलियां#Naddi_Dal_Lake @mygovhimachal @JagranNews https://t.co/EzOKGQnoLm pic.twitter.com/gYzqLbMMgb
सुंदरीकरण तो दूर, गाद तक नहीं निकाल पाया प्रशासन
मणिमहेश के बाद डल झील दूसरी ऐसी पवित्र झील है, जहां हर वर्ष राधाष्टमी के दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं। इसलिए इसे छोटा मणिमहेश के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 2007-08 में इसके सुंदरीकरण को लेकर उस समय हाथ आगे बढ़े थे, जब इसके लिए बजट का भी कोई प्रावधान नहीं था। उसके बाद बजट का भी प्रावधान होना शुरू हुआ। सबसे पहले लोक निर्माण विभाग को डल झील में पानी की लीकेज रोकने का काम सौंपा गया था, लेकिन विभाग इस कार्य में सफल नहीं हुआ। बाद में सुंदरीकरण का काम भी शुरू किया और डल झील से कुछ गाद भी निकाली। लेकिन सारी गाद नहीं निकाली गई। आठ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी डल का वैभव तो नहीं लौट पाया है, लेकिन उसकी लीकेज को भी बंद नहीं किया जा सका है।
नड्डी में स्थित डल झील का फाइल फोटो।
2014 से बार-बार हो रही लीकेज
मई, 2014 में डल झील में पहली बार लीकेज के कारण झील खाली होनी शुरू हुई थी। उस समय प्रशासन ने लीपापोती कर केवल लीकेज वाले स्थान पर कंकरीट डाल दी। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो पाया। उसके बाद भी बार-बार यह लीकेज हो रही है। इस बार की लीकेज पहले की तुलना में बहुत अधिक है।
वीरभद्र सिंह ने रखी थी आधारशिला
नौ अगस्त, 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने डल झील के सुंदरीकरण के लिए दो करोड़ रुपये से प्रस्तावित कार्य का शिलान्यास किया था। यह कार्य एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के माध्यम से किया जाना था। हालांकि इसको लेकर कुछ काम हुआ भी, लेकिन परिणाम शून्य है।