माननीय! रख लीजिए...ई-विधान होने का मान, मंत्री व विधायकों का आनलाइन कामकाज से परहेज

हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा का गौरव प्राप्त है। इसके बाद पेपरलेस विधानसभा हुई...अब ई-कैबिनेट मीटिंग के लिए भी प्रयास हो रहे हैैं लेकिन इस मुहिम को शीर्ष से ही झटका है। राज्य सरकार के एक भी मंत्री ने विधायक प्राथमिकताएं आनलाइन अपलोड नहीं की हैं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 07:15 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 08:14 AM (IST)
माननीय! रख लीजिए...ई-विधान होने का मान, मंत्री व विधायकों का आनलाइन कामकाज से परहेज
मंत्रियों ने आनलाइन अपलोडनहीं की विधायक प्राथमिकताएं।

प्रकाश भारद्वाज, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देश की पहली ई-विधानसभा का गौरव प्राप्त है। इसके बाद पेपरलेस विधानसभा हुई...अब ई-कैबिनेट मीटिंग के लिए भी प्रयास हो रहे हैैं, लेकिन इस मुहिम को शीर्ष से ही झटका है। राज्य सरकार के एक भी मंत्री ने विधायक प्राथमिकताएं आनलाइन अपलोड नहीं की हैं। माननीय ही ई-विधान होने का मान नहीं रख रहे।

सरकार ने एक वर्ष पहले ही सभी 68 विधायकों के लिए योजना विभाग के पोर्टल पर आनलाइन विधायक प्राथमिकताएं अपलोड करने की व्यवस्था शुरू की थी। पहले वर्ष भी किसी मंत्री ने आनलाइन होने का प्रयास नहीं किया। अब दूसरे वर्ष मंगलवार को दो दिवसीय विधायक प्राथमिकता बैठक संपन्न हो चुकी है, लेकिन हाल पिछले साल जैसा ही है। मंत्रियों के कार्यालयों में स्टाफ की भरमार रहती है, इसके बावजूद किसी ने प्राथमिकताएं आनलाइन अपलोड नहीं कीं।

डा. हंसराज ने दूसरे साल भी आनलाइन अपलोड की प्राथमिकताएं

विधानसभा उपाध्यक्ष डा. हंसराज ने लगातार दूसरे वर्ष भी प्राथमिकताएं आनलाइन अपलोड कीं। इसके अलावा भाजपा विधायक जवाहर ठाकुर, कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, आशीष बुटेल, भवानी सिंह पठानिया ने इस साल इस सुविधा का लाभ उठाया।

यह है लाभ

यदि कोई भी विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए आनलाइन प्राथमिकताएं अपलोड करता है तो 24 घंटे के अंदर उसकी कंफर्मेशन आ जाएगी। इससे विधायक और योजना विभाग का काम शुरू हो जाता है और प्राथकिताकताओं के अगले चरण में निरीक्षण की प्रक्रिया में कम समय लगता है।

प्रत्येक विधायक को लैपटाप व 15 हजार मासिक पर मिला है आपरेटर

विधानसभा सचिवालय की ओर से प्रत्येक विधायक को लैपटाप दिया गया है। इसके अतिरिक्त नेट डाटा, मोबाइल फोन व लैंड लाइन फोन बिल का भुगतान होता है। प्रत्येक विधायक को एक आपरेटर रखने के लिए 15 हजार मासिक राशि दी जाती है। मंत्रियों के कार्यालयों में 15 से 20 लोगों का स्टाफ उपलब्ध रहता है। इंटरनेट मीडिया के लिए प्रत्येक मंत्री ने 20 हजार रुपये से अधिक पर प्रोफेशनल रखे हैं।

सभी चलाते हैं स्मार्ट फोन, हैं शिक्षित

चाहे मंत्री हो या फिर विधायक, सभी स्मार्टफोन चलाते हैं। वर्तमान विधानसभा में 47 विधायक स्नातक या स्नातकोतर हैं। शेष 12वीं तक शैक्षणिक योग्यता रखते हैं।

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