शहीद के पुत्र ने कोरोना योद्धाओं को ठहरने के लिए खोल दिया होटल, निशुल्‍क आवास सुविधा दी

Free Hotel Service कोरोना संकट में लोगों की सेवा में लगे पुलिस जवानों अधिकारी व कर्मचारियों को भड़ोली पंचायत के सुरेश कुमार अपने होटल में निशुल्क आवास सुविधा दे रहे हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 03:23 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 03:23 PM (IST)
शहीद के पुत्र ने कोरोना योद्धाओं को ठहरने के लिए खोल दिया होटल, निशुल्‍क आवास सुविधा दी
शहीद के पुत्र ने कोरोना योद्धाओं को ठहरने के लिए खोल दिया होटल, निशुल्‍क आवास सुविधा दी

ज्वालामुखी, जेएनएन। कोरोना संकट में लोगों की सेवा में लगे पुलिस जवानों, प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों को भड़ोली पंचायत के सुरेश कुमार अपने होटल में निशुल्क आवास सुविधा दे रहे हैं। निस्वार्थ भाव से राष्ट्रहित का कार्य कर रहे सुरेश कुमार युवा पीढ़ी व अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। सुरेश कुमार को बचपन से सेना में जाकर देश सेवा का शौक था। पढ़ाई के दौरान सेना में चयनित भी हो गए, लेकिन परिवार के जिद के चलते वे शिक्षक बन गए। शिक्षा क्षेत्र में 32 साल तक सेवाएं देने के बाद कुछ साल से वे ज्वालामुखी में होटल चला रहे हैं।

लॉकडाउन शुरू होते हुए पुलिस पोस्ट स्थापित हुईं तो सुरेश कुमार ने होटल भी खोल दिया। होटल में उन्होंने पुलिस जवानों व ड्यूटी पर आने वाले कर्मचारियों को रहने खाने की निशुल्क सुविधा देनी शुरू कर दी।  सुरेश कुमार के पिता स्वर्गीय सूबेदार मान ङ्क्षसह 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए थे, जबकि दादा स्वर्गीय लक्ष्मण ङ्क्षसह प्रथम विश्व युद्ध में मुल्तान मोर्चे पर शहीद हुए थे। उनके ताया हरनाम सिंह द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए जबकि भतीजा कैप्टन शैलेश सेना के गाजिकुंड ऑपरेशन में जम्मू में शहादत को प्राप्त हुए थे।

58 हजार किराया भी किया माफ

सुरेश ने चार किरायेदार दुकानदारों का दो महीने का 58,000 का किराया नहीं लिया। 70 वर्षीय सुरेश बताते हैं कि सेना में जाकर देश सेवा का जो भाव उनके मन में था, वहां तो नहीं जा पाया लेकिन कोरोना काल में देशरक्षा का ये काम करने सेना जाने की इच्छा पूरी हो गई है। 

डीएसपी बोले, सुरेश कुमार सही प्रेरणास्रोत

डीएसपी ज्वालामुखी तिलक राज शांडिल्य का कहना है सुरेश कुमार सही में प्रेरणास्रोत हैं। कोरोना संकट में इन्होंने पुलिस की जो सहायता की उसे भुलाया नहीं जा सकता। सुरेश कुमार अब भी प्रशासन की सहायता को लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कोविड केयर फंड में 11 हजार रुपये की राशि भी दी है।

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