हिमाचल में छठे वेतन आयोग की खामियों पर मुख्‍यमंत्री के साथ एक घंटे तक मंथन, महासंघ ने दिए पांच सुझाव

Himachal Sixth Pay Commission छठे वेतन आयोग की खामियों का मामला प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है। सोमवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ विस्तृत चर्चा की। ओकओवर में करीब एक घंटे तक हुई

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 09:14 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 09:14 AM (IST)
हिमाचल में छठे वेतन आयोग की खामियों पर मुख्‍यमंत्री के साथ एक घंटे तक मंथन, महासंघ ने दिए पांच सुझाव
छठे वेतन आयोग की खामियों का मामला प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Sixth Pay Commission, छठे वेतन आयोग की खामियों का मामला प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है। सोमवार को हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ विस्तृत चर्चा की। ओकओवर में करीब एक घंटे तक हुई बैठक में मुख्य सचिव भी मौजूद रहे। शिक्षक महासंघ ने वेतन आयोग की सिफारिशों की अधिसूचना जारी करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है। महासंघ ने कहा कि हिमाचल पंजाब सरकार की ओर से जारी वेतन आयोग का अनुसरण करता आया है। इस वेतन आयोग की अधिसूचना जारी करने के बाद हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कर्मचारियों के वेतन में काफी अंतर आ गया है।

महासंघ ने पंजाब और हिमाचल के कर्मचारियों को मिले लाभों की तुलनात्मक रिपोर्ट सरकार को सौंपी। बैठक में में वेतन विसंगतियों पर चर्चा की गई। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा भी बैठक में रहे। प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री डा. मामराज पुंडीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शिक्षा विभाग के कई विषयों पर चर्चा हुई, जिन्हें प्रदेश सरकार जल्द पूरा करने के लिए कार्य कर रही है।

ये दिए सुझाव प्रदेश के कर्मचारियों को 2.25, 2.59 फैक्टर और 15 फीसद बढ़ोतरी के साथ वेतनमान को लागू करें। प्रदेश के कर्मचारियों को विकल्प चुनने की एक महीने की अवधि को बढ़ाया जाए। पंजाब में लागू वेतनमान को हिमाचल में यथावत लागू किया जाए। 1-1-2016 में नियुक्त सभी वर्ग के अध्यापकों को पंजाब की तर्ज पर इनिशियल स्केल दे, जिसमे जेबीटी को 33400 (एचपी) के स्थान पर 37600 (पंजाब), सीएंडवी को 35600 की तुलना में 40100, टीजीटी और डीपीई को 38100 के स्थान पर 41600, प्रवक्ता को 43000 के स्थान पर 47000 दिया जाए। कंप्यूटर और एसएमसी अध्यापकों के लिए नीति बना कर इन्हें नियमित अध्यापक के बराबर वेतन देने का प्रविधान करें।

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