हिमाचल: अब सरकारी योजनाओं के नाम पर भी ठगी, प्रदेश की इस योजना के तहत खाते में आने थे पैसे

Himachal Pradesh News शातिरों ने अब सरकारी योजनाओं के नाम पर भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। शिमला में भी ऐसा मामला सामने आया है। शातिर ने जननी सुरक्षा योजना के नाम पर बैंक खाते में 1600 रुपये आनलाइन ट्रांसफर करने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 24 May 2022 09:02 AM (IST) Updated:Tue, 24 May 2022 09:02 AM (IST)
हिमाचल: अब सरकारी योजनाओं के नाम पर भी ठगी, प्रदेश की इस योजना के तहत खाते में आने थे पैसे
शातिरों ने अब सरकारी योजनाओं के नाम पर भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Pradesh News, शातिरों ने अब सरकारी योजनाओं के नाम पर भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। राजधानी शिमला में भी ऐसा मामला सामने आया है। शातिर ने जननी सुरक्षा योजना के नाम पर बैंक खाते में 1600 रुपये आनलाइन ट्रांसफर करने के नाम पर ठगी को अंजाम दिया। पैसा तो ट्रांसफर हुआ नहीं, लेकिन खाते में जमा 51 हजार 498 रुपये शातिर उड़ा ले गया। पुलिस को दी शिकायत में कमल चंद निवासी कंवर विला लोअर चैप्सली ने बताया कि 22 मई को दिन में 10:50 बजे मोबाइल फोन पर काल आई।

शातिर ने अपना नाम अविनाश कुमार बताया। उसने कहा कि वह स्वास्थ्य विभाग में डाक्टर है। शातिर ने कहा कि आपकी पत्नी का प्रसव कमला नेहरू अस्पताल में हुआ है। सरकार की योजना के तहत आपको 1600 रुपये दिए जाएंगे। 70505-98487 नंबर से यह काल आई थी। शातिर ने पहले बैंक खाता नंबर मांगा, उसके बाद मोबाइल पर आए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को मांगा। ओटीपी बताने के कुछ ही समय बाद मोबाइल फोन पर 51,498 रुपये निकालने का मैसेज आया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

शातिर के पास कैसे आया मोबाइल फोन नंबर

गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्र व आशा वर्कर के पास होता है। महिला एवं बाल विकास विभाग के आनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण के समय गर्भवती महिला का नाम, पता, मोबाइल नंबर व खाता नंबर लिया जाता है। इसके अलावा अस्पताल में भी यह सारा रिकार्ड होता है। यहां से रिकार्ड ठगों तक कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है। राजधानी शिमला में पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

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