बिलासपुर पंचायत कार्यालय में आग लगने के मामले की जांच तेज, फॉरेंसिक टीम ने मौके से जुटाए तथ्य

Bilaspur Panchayat Office बिलासपुर पंचायत कार्यालय में आग लगने के मामले में प्रशासन ने जांच तेज कर दी है। बुधवार को फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 15 Jul 2020 04:26 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 04:26 PM (IST)
बिलासपुर पंचायत कार्यालय में आग लगने के मामले की जांच तेज, फॉरेंसिक टीम ने मौके से जुटाए तथ्य
बिलासपुर पंचायत कार्यालय में आग लगने के मामले की जांच तेज, फॉरेंसिक टीम ने मौके से जुटाए तथ्य

नगरोटा सूरियां, जेएनएन। बिलासपुर पंचायत कार्यालय में आग लगने के मामले में प्रशासन ने जांच तेज कर दी है। बुधवार को फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। बिलासपुर पंचायत कार्यालय में लगातार दो दिन आग लगने के मामले पर ग्रामीण भड़क उठे हैं। ग्रामीणों का कहना है पंचायत में मनरेगा को लेकर हुए फर्जीवाड़े की जांच से ठीक दो दिन पहले ही आग लगना और केवल एक स्टील अलमारी में रखे रिकॉर्ड का जलना कई सवालों को खड़ा कर रहा है। वहीं दूसरी रात सोमवार को फिर आग लगना और बाकी बचे रिकॉर्ड का भी जलना बड़ी साजिश का हिस्‍सा प्रतीत हो रहा है।

हालांकि अब जांच तेज हो गई है और आग कैसे लगी यह फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से ही पता चलेगा। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जब रविवार रात को आग लगी तो सोमवार को प्रशासन ने बाकि बचा रिकॉर्ड क्यों नहीं अपने कब्जे में लिया। अगर प्रशासन ने रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया होता तो तथय नष्‍ट न होते।

यह था मामला

बिलासपुर पंचायत के एक युवक दीपक राणा ने मस्टरोल फर्जीबाड़े को लेकर मुख्यमंत्री शिकायत सहायता हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत की जांच खंड विकास नगरोटा सूरियां के कार्यालय द्वारा मंगलवार 14 जुलाई को शुरू करनी थी और खंड विकास अधिकारी ओशिन शर्मा मौखिक सूचना पंचायत को दे दी थी। जबकि लिखित सूचना सोमवार को जारी करनी थी, लेकिन आग लगने के कारण स्थगित कर दी। ग्रामीणों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि जांच शुरू होने के दो दिन पहले आग लगने और दूसरे दिन फिर आग लगने की घटना पंचायत और विकास खंड मुख्यालय पर कई सवाल खड़े कर रही है। बहरहाल अब सबकी निगाहें फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट पर टिकी हैं।

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