छोटी उम्र में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

मुनीष दीक्षित बैजनाथ विकास खंड बैजनाथ की 50 पंचायतों में इस बार कई युवा चेहरे आगे आए हैं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 10:37 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 10:37 AM (IST)
छोटी उम्र में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
छोटी उम्र में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

मुनीष दीक्षित, बैजनाथ

विकास खंड बैजनाथ की 50 पंचायतों में इस बार कई युवा चेहरे आगे आए हैं। यहां की जनता ने कई पंचायतों में इस बार कई साल से चले आ रहे परंपरागत चेहरों के बजाए युवाओं को समर्थन दिया है। ऐसे में साफ है कि जनता को पढ़े-लिखे युवाओं से पंचायत के विकास को लेकर कई उम्मीदें हैं। युवाओं की जीत का सिलसिला इस बार बड़ा व छोटा भंगाल घाटी में भी देखने को मिला है।

बड़ा भंगाल से लेकर छोटा भंगाल तक की कुछ पंचायतों में भी इस बार युवाओं के चेहरे सामने आए हैं। छोटा भंगाल घाटी की अति दुर्गम स्वाड़ पंचायत से जनता ने 21 साल के सुनील कुमार को उपप्रधान के रूप में समर्थन दिया है। बड़ा भंगाल से भी इस बार युवा चेहरा मनसा राम भंगालिया प्रधान के रूप में आगे आए हैं। स्वाड़ के उपप्रधान सुनील का कहना है कि उनका पंचायत में आने का एक ही उद्देश्य है कि पंचायत के गांवों को सड़क से जुड़वा सकें और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बना सके।

मनसा राम भंगालिया कहते हैं कि बड़ा भंगाल में धरातल पर विकास कार्य करवाना ही उनका उद्देश्य है। पर्यटन नगरी बीड़ से दो बार उपप्रधान रहे सुरेश ठाकुर को इस बार जनता ने प्रधान का तोहफा दिया है। सुरेश क्षेत्र में लगातार विकास को आगे बढ़ा रहे हैं। कंदराल पंचायत से 25 साल के रविद्र राव को उपप्रधान चुना गया है। रविद्र राव अपने गांव की सड़क की लड़ाई के लिए जनता की नजरों में हीरो के रूप में उभरे थे। विधायक मुल्ख राज प्रेमी की पंचायत धानग में जनता ने 30 साल के रोहित कपूर को मुखिया चुना है। रोहित की समाजसेवा और युवाओं में पैठ उन्हें प्रधान पद पर जीत दर्ज करवा गई। कुदैल जैसी बड़ी पंचायत में भी बड़ा उल्टफेर हुआ, यहां से जनता ने 32 साल के अनूप राणा को प्रधान चुना। अनूप का कहना है कि पंचायत में रास्तों के अलावा आज तक कुछ नहीं हुआ। प्रयास है कि कुछ नए प्रोजेक्ट लाए जाएं। भट्टू पंचायत से 29 साल की एडवोकेट नूतन दीक्षित को उपप्रधान चुना है तो मझैरना में मंजीत कुमार को लोगों ने प्रधान की कुर्सी पर पहुंचाया है। यही नहीं झिकली भेठ पंचायत में कई बड़े चेहरों को हराकर राजकपूर को भी लोगों ने उपप्रधान चुना है। राजकपूर गांव के प्रसिद्ध पल्लिकेश्वर महादेव मंदिर व कुछ रास्तों की अनदेखी को लेकर चुनावी मैदान में उतरे थे।

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