पिता-पु‍त्र की सड़क हादसे में चली गई जान, परिवार अनजान; इंटरव्‍यू के लिए बाइक पर निकले थे दोनों साथ

बूढ़ी मां पत्नी और बेटी एक टक से घर के माहौल को बदलते हुए देख रही हैं। रह-रहकर उनका कलेजा मुंह को आ रहा है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 02 Mar 2020 09:20 AM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2020 10:52 AM (IST)
पिता-पु‍त्र की सड़क हादसे में चली गई जान, परिवार अनजान; इंटरव्‍यू के लिए बाइक पर निकले थे दोनों साथ
पिता-पु‍त्र की सड़क हादसे में चली गई जान, परिवार अनजान; इंटरव्‍यू के लिए बाइक पर निकले थे दोनों साथ

पालमपुर, शारदाआनंद गौतम। बूढ़ी मां, पत्नी और बेटी एक टक से घर के माहौल को बदलते हुए देख रही हैं। रह-रहकर उनका कलेजा मुंह को आ रहा है। अचानक आस-पड़ोस के लोग घर में  क्यों आ रहे हैं। सबकी आंखें नम हैं लेकिन मुंह से किसी के एक शब्द नहीं फूट रहा है। तीनों की आंखें हर आगंतुक से सवाल कर रही हैं मगर जवाब उन्हें कोई नहीं दे पा रहा है। मानों सबके होंठ सील गए हों और दुखभरा संदेश किस प्रकार से उन्हें बताया जाए, शायद उन्हें शब्द ही नहीं मिल रहे हैं।

उपमंडल धीरा के मरूहूं के समीप सूरी गांव के सुरेंद्र सिंह के घर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव में माहौल गमगीन हो चुका है, क्योंकि ग्रामीणों को यह जानकारी मिल चुकी है कि सुरेंद्र सिंह और उनके जवान बेटे आशुतोष की पंजाब के सरिंद्र में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। 62 वर्षीय सुरेंद्र सिंह 31 मार्च, 2017 को सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वह 25 वर्षीय बेटे की नौकरी के लिए भागदौड़ में लगे थे।

बेटे का इंटरव्यू करवाने के लिए पटियाला गए थे। इंटरव्यू के बाद मोटरसाइकिल पर बाप-बेटा दोनों सूरी के लिए निकले थे मगर घर लौटने का यह सफर अधूरा ही रह गया। सरिंद्र में पुराने फ्लाई ओवर के पास तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को पीछे से टक्कर मार दी और बाप-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई।

सूरी गांव में बनाया है घर

सुरेंद्र सिंह की 84 वर्षीय मां शीला देवी, 54 वर्षीय पत्नी पवना और 29 वर्षीय बेटी अनु ही घर में हैं। मूलत: लाहड़ डहूक के सुरेंद्र सिंह ने करीब पंद्रह वर्ष पहले मरूंह के निकट सूरी गांव में मकान बना लिया था। जहां पर वह बूढ़ी मां और बच्चों के साथ रह रहे थे। सुरेंद्र सिंह की 29 वर्षीय बेटी अनु भारतीय स्टेट बैंक की भवारना शाखा में कार्यरत है। बेटे को उन्होंने बीटेक करवाया था मगर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। बताया जा रहा है कि सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बाप-बेटे के शव सूरी लाए जाएंगे। ग्रामीण बाप-बेटे के अंतिम संस्कार की तैयारियां खामोशी से कर रहे हैं।

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