मां चिंतपूर्णी के दरबार में उमड़े श्रद्धालु

रविवार और संक्राति का दिन एक साथ होने के कारण मां ङ्क्षचतपूर्णी के दरबार में श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि भीड़ संभालने में प्रशासन के पसीने छूट गए।दोपहर बाद एक बजे हालात ऐसे बन गए कि कहीं तिल धरने तक की जगह नहीं बची थी।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 14 Mar 2021 05:51 PM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 05:51 PM (IST)
मां चिंतपूर्णी के दरबार में उमड़े श्रद्धालु
मां चिंतपूर्णी के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु। जागरण

चिंतपूर्णीं, जागरण टीम। रविवार और संक्राति का दिन एक साथ होने के कारण मां ङ्क्षचतपूर्णी के दरबार में श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि भीड़ संभालने में प्रशासन के पसीने छूट गए। मुख्य बाजार में मेले जैसा माहौल देखने को मिला तो दोपहर बाद एक बजे हालात ऐसे बन गए कि कहीं तिल धरने तक की जगह नहीं बची थी। आनन-फानन में कई बार पुलिस को श्रद्धालुओं को रोकने पर भी मजूबर होना पड़ा। कोरोनाकाल शुरू होने के बाद आज सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई और करीब 20 हजार श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगवाई। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन करने के लिए सुबह पांच बजे ही मंदिर खुलते ही कतारें लगनी शुरू हो गए थे। दिन चढऩे के साथ ही मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लुधियाना धर्मशाला के आगे तक निकल गईं। जहां एक तरफ मंदिर में दर्शन करते समय सुधार देखा गया। बेशक भीड़ ज्यादा रही, लेकिन प्रशासन ने भी व्यवस्था को सुधारने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। थाना प्रभारी कुलदीप कुमार टीम के साथ मंदिर में दर्शन स्थल से लेकर पुराने बस अड्डे तक लाइन व्यवस्था को दुरुस्त करते रहे। दोपहर होते-होते पुराना बस स्टैंड के पास गेट नंबर एक पर श्रद्धालुओं का जमघट लग गया। वहां पर एक साथ कई लाइनें बन गई, जिसमें श्रद्धालु बिना मास्क और शारीरिक दूरी के पालन के बिना एक-दूसरे के साथ सटे हुए दिखाई दिए। पुलिस और होमगार्ड के जवानों को उन्हें एक लाइन में करने के लिए खूब मशक्कत करनी पड़ी। रविवार को बैक डोर एंट्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहा और मंदिर के लिफ्ट वाले रास्ते पर भी किसी की आवाजाही पर रोक रही। बावजूदधा कोविड नियमों का पालन जरा भी नहीं हो पाया। हिमाचल और अम्ब उपमंडल में अब तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में रविवार को यहां कई श्रद्धालुओं ने मास्क तक नहीं पहना था और ऐसा ही हाल कई स्थानीय दुकानदारों का भी था। पहले पुलिस मास्क न पहनने वाले लोगों का चालान भी काटती थी, लेकिन अब कोई पूछताछ तक नहीं हो रही है। ऐसे में यह भीड़ कहीं न कहीं कोरोना के संक्रमण को भी बढ़ा सकती है। वहीं, मंदिर अधिकारी अभिषेक भास्कर ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने के बावजूद प्रशासन व्यवस्था को बनाए रखने में पूर्ण रूप से सफल रहा। बैक डोर एंट्री पर भी पूरी तरह से नजर रखी गई थी।

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