कांग्रेस नेता बोले, सरकार कर्मचारियों पर दोहरी मार कर फिजूलखर्जी में लुटा रही खजाना

Congress Target Govt पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंद्र मनकोटिया ने ‌कहा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर दोहरी मार इन डबल ईंजन सरकार ने दी है। महंगाई भत्ता पहले ही फ्रिज किया हुआ है ऊपर से जबरदस्ती दो दिन का वेतन काटना वर्तमान सरकार की तानाशाही को दर्शाता है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 27 Apr 2021 09:20 AM (IST) Updated:Tue, 27 Apr 2021 09:20 AM (IST)
कांग्रेस नेता बोले, सरकार कर्मचारियों पर दोहरी मार कर फिजूलखर्जी में लुटा रही खजाना
सुरिंद्र मनकोटिया ने ‌कहा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर दोहरी मार इन डबल ईंजन सरकार ने दी है।

परागपुर, संवाद सहयोगी। Congress Target Govt, पूर्व कर्मचारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष सुरिंद्र मनकोटिया ने ‌कहा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर दोहरी मार इन डबल ईंजन सरकार ने दी है। महंगाई भत्ता पहले ही फ्रिज किया हुआ है ऊपर से जबरदस्ती दो दिन का वेतन काटना वर्तमान सरकार की तानाशाही को दर्शाता है। जिसे किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसी तरह का तुगलकी फरमान सरकार ने पिछले साल भी जारी किए थे। कर्मचारियों से इकट्ठे किए गए पैसे से यह सरकार ऐशोआराम कर रही हैं और फिजूलखर्ची कर रही है।

बताएं जब करोना काल खत्म ही नहीं हुआ था तो विधायकों के वेतनभत्ते कैसे जारी कर दिए गए, उनका एमएलए फंड क्यों जारी करने के आदेश पास किए गए। कर्मचारियों और अधिकारियों पर इस सरकार ने कुठाराघात किया है। सरकार फिजूलखर्ची बढ़ाए जा रही है, लेकिन अपने खर्चों पर अंकुश नहीं लगा रही है। टायर्ड और रिटायर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को दोबारा नौकरी देकर सरकार बेकार में खर्च का बोझ बढ़ा रही है।

मनकोटिया ने कहा ट्रांसपोर्टरों और टूरिज्म का धंधा चौपट हो गया है, उनके लिए सरकार कुछ नहीं कर रही, उनके लिए राहत पैकेज दिया जाए और टैक्स माफ किया जाए। एक तरफ सरकार महामारी से निपटने में नाकामयाब रही है तो दूसरी तरफ डिपो के राशन वितरण में अंगूठे के सकैन वाली मशीन की जगह पर करोड़ों रुपये खर्च कर, आंख वाले बॉयोमेट्रिक सिस्टम खरीद रही है जो समझ से परे है। जिस तरह से हर विभाग में अंगूठे वाले बायोमेट्रिक सिस्टम को खत्म करके दस्ती हाजिरी लगाई जा रही है उसी तरह, पहले की तरह, डिपो में राशन भी रजिस्टर मेंटेन कर बांटा जा सकता है। करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या जरूरत है।

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