एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देना तानाशाही

संवाद सहयोगी धर्मशाला हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 01:03 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 01:03 AM (IST)
एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देना तानाशाही
एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देना तानाशाही

संवाद सहयोगी, धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक के बाद संघ के प्रदेशाध्यक्ष निर्मल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय सिंह, अतिरिक्त महासचिव लेखराम, सचिव स्वरूप कुमार, उपाध्यक्ष संजय राणा, अजय रत्न, मुख्य संगठन सचिव पुरुषोत्तम दत्त, वित्त सचिव संजीव कुमार, प्रेस सचिव प्रकाश चंद, संगठन सचिव यतेश शर्मा, हरिद्र पाल आदि ने जारी संयुक्त बयान में कहा कि मुख्यमंत्री का बयान गैर जिम्मेदाराना हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि एसएमसी शिक्षक दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जो सही नही है। एक आरटीआइ के माध्यम से पता चला है कि 792 एसएमसी स्कूल लेक्चरर में से 582 स्कूल लेक्चरर गैर कबायली क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं। सभी जानते हैं कि बिना कमिशन भर्ती से शिक्षा की गुणवत्ता कम होती है न की बढ़ती है। उन्होंने कहा कि सभी एसएमसी शिक्षक बिना कमिशन भर्ती हुए हैं और मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि एसएमसी शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। बिना कमीशन भर्ती करना सरकार की ओर से बनाए गए नियमों का उल्लंघन हैं।

सरकार ने संविधान की धारा 309 के अनुसार भर्ती नियम बनाए, जिनके अनुसार नियमित शिक्षकों की भर्ती या तो कमीशन या बैचवाइज के माध्यम से हो सकती है। ऐसे में एसएमसी शिक्षकों को लगातार आठवीं बार सेवा विस्तार देना तानाशाही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता गिरना तय है। इसके उपरांत एसएमसी शिक्षक स्थायी नीति की मांग कर रहे हैं। सरकार की स्थायी नीति तो भर्ती नियम हैं जो संविधान की धारा 309 के अनुसार बनाए गए हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार कह रही है कि हम एसएमसी शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। इससे स्पष्ट है कि जयराम सरकार संविधान से भी ऊपर है और अब प्रदेश की जनता को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से महरूम रहना पड़ेगा।

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