अनुराग ने केंद्रीय विवि पर 15 दिन में मांगी रिपोर्ट, आनलाइन बैठक में सरकार पर भी उठाए सवाल, पढ़ें खबर

Central Minister Anurag Thakur केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के लिए 15 दिन में रिपोर्ट चाहिए। यह रिपोर्ट एक तरफा न हो। पिछली सरकार पांच साल पूरे कर गई इसके भी होने वाले हैं। लेकिन कुछ नहीं हुअा। यह स्पष्ट तौर पर निकम्मापन है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 10 Nov 2020 12:06 PM (IST)
अनुराग ने केंद्रीय विवि पर 15 दिन में मांगी रिपोर्ट, आनलाइन बैठक में सरकार पर भी उठाए सवाल, पढ़ें खबर
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के लिए 15 दिन में रिपोर्ट चाहिए।

धर्मशाला, जेएनएन। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के लिए 15 दिन में रिपोर्ट चाहिए। यह रिपोर्ट एक तरफा न हो। पिछली सरकार पांच साल पूरे कर गई, इसके भी होने वाले हैं। लेकिन कुछ नहीं हुअा। यह स्पष्ट तौर पर निकम्मापन है। हर किसी ने लापरवाही बरती है। चार साल में जहां जमीन ट्रांसफर ही नहीं हो पाई, वहां पर क्या उम्मीद करें। 11 साल से हम वहीं के वहीं हैं। मुझे बताएं कि किस दिन किस वर्ष क्या क्या हुआ। क्या ऐसी कोई जमीन नहीं थी, जहां निर्माण शुरू किया जा सकता था।। अनुराग ठाकुर अॉनलाइन जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा केंद्रीय विवि के लिए 81 हेक्टेयर भूमि 2016 में स्वीकृत हो गई और बाकी चार साल में जमीन ही ट्रांसफर ही नहीं हो पाई। केंद्रीय विवि प्रशासन क्या कर रहा है। अनुराग ठाकुर ने कहा जो सरकार 20 करोड़ जमा करवाने की हालत में नहीं है, उसे 500 करोड़ का प्रोजेक्ट मिल रहा है पर कोई भी गंभीर नहीं है।

2010 में केंद्र के पास पहुंचा विवि का मामला तो रद कर दिया

केंद्रीय विवि के कुलपति कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने बैठक में जानकारी दी कि 2010 में केंद्रीय विवि शुरू हुअा, इंद्रुनाग में जमीन देखी। केंद्र के पास केस पहुंचा तो रद कर दिया। 2013 में जदरंगल में 303 हेक्टेयर भूमि देखी, इसमें 80 हेक्टेयर प्रदेश सरकार की है, जो सीयू के नाम है। लेकिन बरसाती नाले के कैचमेंट एरिया में निर्माण नहीं किया जा सकता। पेड़ ज्यादा कट रहे थे और 60 करोड़ रुपये जमा करवाने पड़ रहे थे। देहरा में भी प्रदेश सरकार की जमीन सीयू के नाम हो चुकी है। 502 करोड़ स्वीकृत हैं। लेकिन जमीन नाम होगी तभी पैसा मिलेगा।

केंद्रीय विवि यूजर एजेंसी नहीं

केंद्रीय विश्वविद्यलाय यूजर एजेंसी नहीं है, बल्कि निदेशक उच्च शिक्षा विभाग है। सीयू को सिर्फ मदद करनी है। लेकिन सीयू ने सबकुछ खुद ही किया हैं। केंद्रीय विवि‍ के कुलपति डाक्‍टर कुलदीप चंद अग्‍िनहोत्री का कहना है देहरा में 80 एकड़ नाम है 220 होनी है। सरकार को चिट्ठ‍ियां लिखी हैं। निर्माण पूरी भूमि हमारे नाम होने के बाद मिलेगा। देहरा में 2010 में 313 हेक्टेयर चिन्हित की गई थी। पेड़ ज्यादा होने की वजह से दोबारा प्रपोजल भेजने को कहा। सीयू यूजर एजेंसी है ही नहीं। हम चिट्ठी लिख सकते हैं ट्रांसफर नहीं कर सकते। सीयू पत्राचार भी अपने स्तर पर कर रहा है पर किसी तरह से अधिकृत नहीं है।

केंद्र से टीम अाकर दौरा कर ले

जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा लैंड ट्रांसफर की प्रकिया शुरू की गई है। 75 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है, जिसमें 67 हेक्टेयर की पैमाइश की जा चुकी है। केंद्र से टीम आकर दौरा करे। देहरा की जमीन के लिए प्रदेश सरकार से स्वीकृति मिलनी चाहिए। देरी हर स्तर पर हुई है।

chat bot
आपका साथी