आपदा प्रबंधन की निकली हवा, पर्यटकों को हिमाचल के इन जिलों में न आने की एडवाइजरी जारी

Advisory for Tourist आपदा से निपटने के लिए प्रबंध पुख्ता करने के बजाय पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों में न आने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 11 Jan 2020 05:10 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 08:46 AM (IST)
आपदा प्रबंधन की निकली हवा, पर्यटकों को हिमाचल के इन जिलों में न आने की एडवाइजरी जारी
आपदा प्रबंधन की निकली हवा, पर्यटकों को हिमाचल के इन जिलों में न आने की एडवाइजरी जारी

शिमला, जेएनएन। हिमाचल में मौसम के तेवर तीखे बने हुए हैं। मौसम विभाग लोगों को एहतियातन चेतावनी जारी कर रहा है। हैरत यह है कि आपदा से निपटने के लिए प्रबंध पुख्ता करने के बजाय पर्यटकों को प्रदेश के पर्यटन स्थलों में न आने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है। मौसम विभाग ने हिमाचल में भारी बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया था लेकिन आपदा प्रबंधन के सारे दावों की पोल खुल गई। शिमला व कुल्लू जिला प्रशासन ने नौ जनवरी को बर्फबारी के कारण सड़कें बंद होने की वजह से पर्यटकों को शिमला व कुल्लू जिला में न आने और सतर्कता बरतने की एडवाइजरी जारी कर काम चलाया। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी आपदा से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए।

पांच दिनों से देवभूमि के पहाड़ी क्षेत्रों की रफ्तार थमी हुई है पहिए बर्फबारी और कोहरे ने जाम कर दी है और गाडिय़ों को जाने से रोक अपनी ड्यूटी पूरी की जा रही है। जबकि पर्यटक प्रदेश के पर्यटन को पंख लगाने के लिए पैसे खर्चने के लिए दौड लगा रहा है और प्रशासन व पुलिस मजबूरी बता लोगों के जीवन को खतरा बताकर आपदा प्रबंधन से निपटने में अपने को पूरी तरह तैयार बता रहा है।

ऐसे में तो यही लग रहा है कि आपदा प्रबंधन निदेशालय और विभाग केवल आंकड़ों को इक्‍ट्ठा करने और सूचना जुटाने का केंद्र रह गया है। प्रदेश सरकार पर्यटन को विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च रही है जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके और बर्फबारी में जिन पहाड़ों के नूर को देखने पर्यटक आ रहे हैं उन्हें आने से रोकने के साथ जाने के लिए यातायात तक बहाल नहीं हो रहे हैं। यही नहीं बिजली आपूर्ति को बर्फबारी में चालू रखने के सारे दावे हवा हैं तीन हजार के करीब ट्रांसफार्मर बंद है और पूरी तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लैकआउट है।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी विभागों की बैठक

प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बफ्रबारी से निपटने के प्रबंधों की समीक्षा के लिए सभी विभागों का रिव्यू किया गया। आपदा प्रबंधन की तरफ से आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए जो फाइलों में बंद रहे और बर्फबारी के आपदा में नजर ही नहीं आए।

मुख्यमंत्री दो दिनों से जारी कर रहे निर्देश

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दअपने अधिकारियों और जिला उपायुक्तों को दो दिनों से लगातार निर्देश जारी कर रहे हैं कि यातायात के लिए सड़कों को बहाल किया जाए और बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था की जाए।

कहां बरती जा रही खामी निजी जेसीबी ने खाना पूर्ति और अपने पैसे वसूलने को बर्फ को आधा अधूरा हटाया, जिससे बर्फ हो रही कोहरे में तबदील। सड़कों के दोनों तरफ लगे हैं बर्फ के ढेर, दिन में पिघलने के बाद रात और सुबह कोहरा बन रही जानलेवा। मौसम विभाग के सतर्क करने के बाद नहीं की गई निपटने की व्यवस्था। सड़कों के साथ स्थानों पर बर्फ हटाने की एक दूसरे पर जिम्ममेदारी डाल रहे अधिकारी। अनछुए क्षेत्र को कर रहे विकसित जहां पर्यटक आ रहे वहां पर कोई ध्यान नहीं। क्रेशर सेंड न डालकर मिट्टी को डाल खानापूर्ति की जा रही है। पहले से क्रेशर सैंड के ढेर नहीं लगाए गए औरा केवल जहां पर सड़कों के डंगे लगाए जा रहे थे वहां से डठकार डाला जा रहा।

क्‍या कहते हैं अधिकारी सड़क से बर्फ हटाने का काम पीडब्ल्यूडी और जिला व स्थानीय प्रशाासन का है और बिजली के प्रबंध का कार्य बिजली बोर्ड का है। सभी विभागों को हिदायतें दी जा रही हैं और सड़कों को खोलने के साथ बिजली आपूर्ति की व्यवस्था भी की जा रही है। फंड की जहां पर आवश्यकता है दिया जा रहा है। -डीसी राणा, निदेशक आपदा प्रबंधन। सड़कों से बर्फ को सही तरीके से नहीं हटाया जा रहा था अब निर्देश जारी किए हैं, जिससे सड़कों को खोला जा सके। निजी जीेसीबी को काम पर लगाया गया है जिससे जल्द से जल्द सड़कों को खोला जा सके। -भुवन शर्मा, ईएनसी, लोक निर्माण विभाग।

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