गेहूं और गोभी-सरसों की अनुमोदित किस्में तैयार

By Edited By: Publish:Tue, 16 Sep 2014 01:28 AM (IST) Updated:Tue, 16 Sep 2014 01:28 AM (IST)
गेहूं और गोभी-सरसों की अनुमोदित किस्में तैयार

जागरण संवाददाता, पालमपुर : धान व गेहूं अनुसंधान केंद्र मलां ने गेहूं व कृषि खोज एवं विस्तार केंद्र कांगड़ा ने गोभी सरसों की अनुमोदित किस्में तैयार की है। इन्हें रविवार को चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में आयोजित कृषि अधिकारियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला में अनुमोदित कर दिया गया। अब किसान इन किस्मों की बिजाई कर अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं।

ये है नई किस्में

एचपीडब्ल्यू 368 (पालम गेहूं 2)

गेहूं की यह नई किस्म एचपीडब्ल्यू 368(पालम गेहूं 2) अधिक उत्पादन देती है और पीला व भूरा रतुआ बीमारियों के लिए प्रतिरोधी है। इसको हिमाचल प्रदेश के मध्यवर्ती एवं निचले क्षेत्रों में समय पर बुआई के लिए अनुमोदित किया गया है। यह किस्म बारानी एवं सिंचित, दोनों ही परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। यह किस्म दूसरी किस्मों एचएस507, वीएल 907 तथा एचपी डब्ल्यू 349 का बेहतर विकल्प है। बारानी व सिंचित क्षेत्रों में क्रमश: 26-36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के लगभग उपज देने की क्षमता रखती है। इसकी बिजाई किसान को 16 नवंबर तक कर लेनी चाहिए।

गोभी सरसों (जीएससी-7)

गोभी सरसों जीएससी-7 नीलम किस्म का विकल्प है। यह प्रदेश के निचले व मध्यम ऊंचाई वाले सिंचित क्षेत्रों के लिए बेहतर किस्म है, जिसमें लगभग 40.5 फीसद तेल है। इसका उत्पादन प्रचलित किस्मों के बराबर (14-15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर) है, लेकिन इसमें 2 फीसद इरुसिक एसिड, 30 फीसद मोल तथा 60 फीसद फोलिक एसिड है जो इसे गुणवत्तायुक्त तथा पौष्टिक बनाते हैं। इसके पौधे कम गिरते है। इसके दाने गहरे भूरे रंग के हैं। गोभी सरसों का साग भी प्रयोग कर सकते हैं।

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