टांडा में किए 318 लोगों के हेपेटाइटिस टेस्ट

By Edited By: Publish:Tue, 29 Jul 2014 01:02 AM (IST) Updated:Tue, 29 Jul 2014 01:02 AM (IST)
टांडा में किए 318 लोगों के हेपेटाइटिस टेस्ट

जागरण संवाददाता, टांडा : विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा (आरपीजीएमसी) स्थित टांडा में मेडिसन विभाग की ओर से लगाए गए शिविर में 318 लोगों के हेपेटाइटिस टेस्ट किए गए। इस दौरान हेपेटाइटिस बी व सी के टेस्ट किए गए। इस मौके विद्यार्थियों द्वारा लोगों को इस बीमारी के संबंध में जागरूक भी किया गया। लोगों को बताया गया कि वे इस घातक बीमारी से किस प्रकार अपना बचाव करें।

हेपेटाइटिस के खिलाफ चलाए गए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत सीएमओ कांगड़ा डॉ. बीएम गुप्ता, कार्यकारी प्रिंसिपल डॉ. रमेश भारती व मेडिसन के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज कपूर की उपस्थिति में की गई। डॉ. धीरज कपूर ने हेपेटाइटिस से बचाव और दवाओं की जानकारी दी। मेडिसन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बीएस राणा ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान शिशु को हेपेटाइटिस बी होने का खतरा रहता है। गर्भावस्था के दौरान माता की सघन जांच व नवजात शिशु को टीकाकरण से इस बीमारी से बचाया जा सकता है। बच्चे को हेपेटाइटिस से बचाने के लिए चार बार दवाई देना अनिवार्य है। उसे जन्म के समय, डेढ़ माह बाद, ढाई माह बाद व साढे़ तीन माह बाद दवा पिलाकर टेपेटाइटिस बी से बचाया जा सकता है। डॉ. बीएस राणा ने बताया कि आरपीजीएमसी में दो साल से मंगलवार और शनिवार को लीवर क्लीनिक लगाया जा रहा है। अस्पताल में हेपेटाइटिस बी के 250 व हेपेटाइटिस सी के 70 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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