कचरे से निकलेगी आर्थिकी की महक

संवाद सूत्र ज्वालामुखी सुरानी पंचायत में आखिरकार 20 साल के इंतजार के बाद ज्वालामुखी नगर के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jun 2020 05:12 PM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 06:17 AM (IST)
कचरे से निकलेगी आर्थिकी की महक
कचरे से निकलेगी आर्थिकी की महक

संवाद सूत्र, ज्वालामुखी : सुरानी पंचायत में आखिरकार 20 साल के इंतजार के बाद ज्वालामुखी नगर के कचरे को ठिकाने लगाने के लिए कूड़ा संयंत्र बनाने का कार्य शुरू हो गया है। इस कार्य पर करीब एक करोड़ से ज्यादा बजट खर्च होगा। नगर परिषद ज्वालामुखी के पास 50 लाख का बजट पहुंच गया है और इसमें से 33 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। कूड़ा संयंत्र ज्वालामुखी-खुंडियां मार्ग पर सुरानी पंचायत के नजदीक जंगल में बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि कूड़ा संयंत्र में विशेष रूप से हनी कॉम कंपोस्ट किट लगाई जाएगी और इसके तहत गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग किटों में डालकर कंपोस्ट किया जाएगा। ठोस कचरे का निष्पादन वैज्ञानिक ढंग से कर संयंत्र का लाभ लिया जाएगा।

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क्यों अधर में था काम

कूड़ा संयंत्र को स्थापित होने में करीब 20 साल का समय लगा है। इतने बड़े प्रोजेक्ट को लगाने के लिए नगर परिषद को उपयुक्त जमीन नहीं मिल पा रही थी। जमीन से संबंधित फाइलें कभी धर्मशाला तो कभी शिमला में अटकी रही। आखिरकार उपायुक्त कांगड़ा ने डीसी लैंड नगर परिषद के नाम करवाकर कूड़ा संयंत्र के बनने का रास्ता साफ किया है।

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कचरे से खाद बनाएगी नगर परिषद

कूड़ा संयंत्र में गीले व सूखे कचरे को कंपोस्ट कर खाद बनाने का विशेष प्रावधान रहेगा। नगर परिषद की माने तो कचरे से खाद तैयार की जाएगी, जबकि प्लास्टिक को अलग से एकत्रित कर सीमेंट कारखानों में उपयोग के लिए भेजा जाएगा। वेस्ट गत्ते को भी गत्ता उद्योग के लिए सुरक्षित भेजा जाएगा। इससे नगर परिषद की आर्थिकी मजबूती होगी।

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लंबी जद्दोजहद के बाद कूड़ा संयंत्र को भूमि मिली है। कूड़े को सही ढंग से ठिकाने लगाने के लिए इसका कार्य प्रगति पर है। संयंत्र के बनने से क्षेत्रवासियों को लाभ मिलेगा।

-भावना सूद, अध्यक्ष नगर परिषद ज्वालामुखी।

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लॉकडाउन के कारण मंदिर, होटल, ढाबे और व्यापारिक संस्थान बंद हैं। इस कारण आजकल कूड़े की मात्रा पहले से घटी है। आमतौर पर ज्वालामुखी में हर दिन तीन टन के करीब कचरा एकत्रित होता है। संयंत्र न होने से कचरा खुले में फेंका जाता रहा है। अब इस समस्या से निजात मिलेगी। संयंत्र का काम प्रगति पर है। 35 लाख के करीब खर्च हो चुका है। कर्मचारियों के ठहरने के लिए आवास भी बनाए जाएंगे।

-कमल कुमार, कनिष्ठ अभियंता नगर परिषद ज्वालामुखी

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