उधार का भवन, प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक

ज्वालाजी के सुराणी में एक स्कूल उधार के मकान में चल रहा है

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Dec 2021 08:25 PM (IST) Updated:Fri, 17 Dec 2021 08:25 PM (IST)
उधार का भवन, प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक
उधार का भवन, प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक

संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी : देश के भविष्य को आधार देने के बहाने वोट बैंक की राजनीति अब नौनिहालों पर भारी पड़ने लगी है। बिना सुविधाओं के खोले गए प्राथमिक विद्यालय अविभावकों समेत विद्यार्थियों को भी चिढ़ाने लगे हैं। स्थिति ऐसी है कि पांच साल पहले खुले प्राइमरी स्कूलों के लिए न तो अध्यापक हैं और न ही बच्चों के बैठने के लिए भवन। प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के शिक्षा खंड खुंडिया में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। विधानसभा की सुराणी पंचायत में पांच साल पहले खोला गया प्राथमिक स्कूल थलाकन इस बात का गवाह है।

इस स्कूल में 17 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। हैरानी इस बात की है कि उनके बैठने के लिए भवन नहीं बन पाया है। ऐसे में स्कूल का संचालन महिला मंडल भवन से किया जा रहा है। यही नहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए निकटवर्ती सेंटर स्कूल से अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाता है। एक अध्यापक देख रहा सारी व्यवस्था

प्राथमिक विद्यालय थलाकन के लिए सरकार ने कभी भी सीधे तौर पर किसी अध्यापक को नियुक्ति नहीं दी है। यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए एक अध्यापक शिक्षा खंड खुंडियां ने दूसरे स्कूल से लगा रखा है। वही अध्यापक स्कूल की सारी व्यवस्थाएं देख रहा है। यदि वह छुट्टी पर होते हैं तो दूसरे अध्यापक को प्रतिनियुक्ति पर भेजकर स्कूल चलाया जाता है। -------- मुझे जानकारी मिली है कि थलाकन स्कूल के लिए बजट मंजूर हो चुका है। लेकिन मैं इस बात पर सहमत हूं कि कम बच्चों और बिना अध्यापक वाले स्कूलों को मर्ज कर देना चाहिए। स्कूल भवन बनाने के लिए विभाग से बात की जाएगी।

बीरबल, प्रधान ग्राम पंचायत सुराणी। प्राथमिक पाठशाला थलाकन में स्कूल भवन नहीं है। इस संबंध में शिक्षा खंड खुंडियां से रिपोर्ट मांगी गई थी। स्कूल के लिए बजट का प्रावधान हो चुका है। स्कूल में अध्यापक तैनात करना सरकार का विषय है। जिन स्कूलों में कोई अध्यापक नहीं है उसकी जानकारी शिक्षा मंत्रालय को भेज रखी है।

महिदर सिंह, उपनिदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग धर्मशाला। 2012 से 2017 के बीच कांग्रेस सरकार ने कदम-कदम पर प्राथमिक विद्यालय खोल दिए। स्कूल भवन के लिए बजट तो दूर की बात यह भी नहीं देखा कि स्कूलों में बच्चे होंगे या नहीं। लोग सहमति दें तो तीन-तीन स्कूलों की जगह एक आधुनिक स्कूल बनाया जा सकता है, जहां हर सुविधा हो। कांग्रेस ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का जलूस निकाला है।

रमेश धवाला, विधायक एवं उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग बोर्ड

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