फर्जी डिग्री मामले में लापरवाही की जांच रिटायर जज करें

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि फर्जी डिग्री मामला प्रदेश के माथे पर कलंक है

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 15 Aug 2020 06:19 AM (IST)
फर्जी डिग्री मामले में लापरवाही की जांच रिटायर जज करें
फर्जी डिग्री मामले में लापरवाही की जांच रिटायर जज करें

संवाद सहयोगी, पालमपुर : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के होते हुए भी फर्जी डिग्रियों का खेल होता रहा है। मामले में बरती लापरवाही की जांच के लिए हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोग बनना चाहिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अब नियामक आयोग में योग्य व्यक्तियों की नियुक्तियां की हैं। उन्होंने अध्यक्ष मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतुल कौशिक और प्रो. कमलजीत सिंह की सदस्य के रूप में नियुक्ति का स्वागत कर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

शुक्रवार को जारी बयान में शांता ने कहा कि देवभूमि के माथे पर फर्जी डिग्रियां बिकने का कलंक लगा है। लाखों की संख्या में फर्जी डिग्रियां कई वर्ष तक बेची जाती रहीं। सरकार को इस बात का तब पता लगा जब यूजीसी ने इस संदर्भ में पत्र लिखा। छोटे से हिमाचल में 20 से अधिक विश्वविद्यालय और सैकड़ों अन्य निजी शिक्षण संस्थान हैं, जो अपने आपमें बड़ा घोटाला है। देश के किसी भी प्रदेश में जनसंख्या की दृष्टि से इतने अधिक संस्थान नहीं हैं। इनमें से बहुत से मालिक शिक्षा देने नहीं, अपितु हिमाचल की भूमि हड़पने के लिए आए थे। उस समय प्रदेश में भू-माफिया तत्कालीन सरकार से यह काम करवाता रहा। एक जिले में सात विश्वविद्यालय हैं, जबकि एक पंचायत में ही तीन विश्वविद्यालय चल रहे हैं। कुछ निजी विश्वविद्यालय केवल डिग्री देने वाली दुकानें बन चुकी हैं। कई संस्थानों में स्टॉफ तक फर्जी है। हिमाचल के सैकड़ों युवकों से कई लाख रुपये लेकर फर्जी डिग्री देकर उनके जीवन को बर्बाद करना अपराध ही नहीं महापाप है। मुख्यमंत्री जयराम ने नियामक आयोग में सही लोगों की नियुक्तियां की हैं। अब प्रदेश में फर्जी डिग्रियां बेचने वाली दुकानें बंद होंगी।

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