2500 चालकों का होगा कोरोना टेस्ट

हर रोज अब करीब 500 सैंपलों की होगी जांच -पहले होती थी जिला के सिर्फ 150 सैंपलों की जांच दिनेश कटोच धर्मशाला लॉकडाउन के दौरान जिला कांगड़ा के 2500 टैक्सी चालक हिमाचल से बाहर गए हैं। हालांकि इस संख्या में छोटे वाहनों के चालकों की संख्या कहीं अधिक है जबकि इनमें बस चालक भी शामिल हैं। इन चालकों ने सवारियों को अन्य राज्यों से लाया भी है और छोड़ा भी है। इन सभी चालकों की सूची जिला प्रशासन ने तैयार की है। सूची के आधार पर सभी चालकों के बारी बारी कोरोना टेस्ट करवाए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक पहले

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 14 May 2020 06:15 AM (IST)
2500 चालकों का होगा कोरोना टेस्ट
2500 चालकों का होगा कोरोना टेस्ट

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : लॉकडाउन के दौरान जिला कांगड़ा के 2500 चालक हिमाचल से बाहर गए हैं। छोटे वाहनों के ड्राइवरों की संख्या अधिक है और इनमें बस चालक भी शामिल हैं। इन चालकों ने बाहरी राज्यों में सवारियां छोड़ी हैं और वहां से लाए भी हैं। प्रशासन ने इनकी सूची तैयार कर ली है और अब इनके कोरोना टेस्ट किए जाएंगे।

पहले चरण के क‌र्फ्यू के बाद प्रशासन ने ढील दी थी और जरूरी कार्यो के लिए टैक्सी का प्रयोग अधिकृत किया था। इसके बाद अप्रैल अंत में बाहरी राज्यों में फंसे लोगों को कांगड़ा से सशर्त बुलाने की भी स्वीकृति दी थी। तीन-चार दिन तक दी गई राहत के दौरान कांगड़ा के करीब हजारों लोग लौटे थे। इसमें से कुछ लोग टैक्सी करभी लौटे हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे चालक भी हैं, जो सब्जी व अन्य जरूरत की सामग्री लेने के लिए हिमाचल से बाहर जा रहे हैं। जिले के ऐसे 2500 चालकों की सूची प्रशासन ने तैयार की है। इतनी अधिक संख्या में चालकों के बाहर जाने के कारण संक्रमण की संभावना बढ़ गई है। प्रशासन ने इन लोगों को होम क्वारंटाइन भी नहीं किया है। अब प्रशासन ने सभी के कोरोना टेस्ट करवाने का फैसला लिया है। अब डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में बनाई गई लैब में रोजाना 500 संभावितों की जांच होगी। इससे पहले हर रोज 150 लोगों के सैंपलों की ही जांच होती थी।

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ऑपरेटरों में रोष, निजी बसें भेजने में हो रहा भेदभाव

निजी बस ऑपरेटर यूनियन कांगड़ा के अध्यक्ष हैप्पी अवस्थी ने कहा कि जिले में 300 ऑपरेटरों की 900 बसें हैं। प्रशासन ने लोगों को लाने के लिए निजी बसों की व्यवस्था की है। प्रशासन के इस निर्णय में भी भेदभाव किया जा रहा है। आरोप है कि कुछ ही ऑपरेटरों की बसों को सवारियां लाने के लिए भेजा जा रहा है। उन्होंने डीसी कांगड़ा से मांग है कि इस तरह की व्यवस्था बनाई जाए कि बारी-बारी सभी ऑपरेटरों को अवसर मिल सके।

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अन्य राज्यों में गए चालकों को खुद ही सुरक्षा का ध्यान रखकर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। कांगड़ा के 2500 चालकों के टेस्ट होंगे और टांडा लैब में दैनिक टेस्ट की क्षमता भी बढ़ा दी है।

-राकेश प्रजापति, डीसी कांगड़ा

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