नेताजी, सकरैणा स्कूल की छत का हाल तो देखिए

विधानसभा क्षेत्र भरमौर के तहत आने वाली ग्राम पंचायत प्रीणा से अलग हुई गाण पंचायत के सकरैणा गांव स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला की छत को दोबारा स्थापित करने के लिए कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 07:12 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 07:12 AM (IST)
नेताजी, सकरैणा स्कूल की छत का हाल तो देखिए
नेताजी, सकरैणा स्कूल की छत का हाल तो देखिए

लेखराज, चन्हौता

विधानसभा क्षेत्र भरमौर के तहत आने वाली ग्राम पंचायत प्रीणा से अलग हुई गाण पंचायत के सकरैणा गांव स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला की छत को दोबारा स्थापित करने के लिए कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

यह मुद्दा इन दिनों पंचायत चुनावों में छाया हुआ है। लोग उसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की बात कह रहे हैं, जोकि स्कूल की छत को लगवाकर उसमें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य करे। ग्रामीणों का कहना है कि करीब तीन वर्ष तूफान के कारण स्कूल की ऊपरी मंजिल की छत उड़ गई थी। इसके बाद से छत को लगाने की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। स्कूल में बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्कूल में करीब 60 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर महज तीन कमरे हैं। इन्हीं कमरों में पांच कक्षाओं के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं। साथ ही स्कूल का कार्यालय भी इन्हीं कमरों में से एक कमरे में बनाया गया है। स्कूल का मिड-डे मील बरामदे में बनाया जाता है। सरकार द्वारा स्कूलों में कक्षाएं लगवाने को लेकर कवायद शुरू की गई है। ऐसे में आने वाले समय में पांचवीं कक्षा तक के स्कूल भी खुल सकते हैं। ऐसे में हमेशा की तरह बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा पंचायत में मोबाइल सिग्नल की भी काफी दिक्कत है।

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सकरैणा स्कूल की छत उड़े इतना अधिक समय बीत गया है लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक छत को दोबारा से लगाने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। इससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिक्कतें पेश आ रही हैं।

-अनूप ठाकुर, स्थानीय निवासी।

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स्कूल में जब सुविधाओं की कमी होगी तो फिर बच्चों को बेहतर शिक्षा कैसे मिल सकेगी। वर्तमान समय में स्कूल के तीन कमरों में ही पांच कक्षाएं चल रही हैं। जबकि कार्यालय का कार्य भी कक्षाओं के बीच ही होता है।

-चैनो ठाकुर, स्थानीय निवासी।

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ऐसे उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया जाएगा, जोकि उक्त समस्या का हल करवा सके। शिक्षा बच्चों के लिए बहुत जरूरी है लेकिन शिक्षा ग्रहण करने के लिए सुविधाओं का होना भी बहुत जरूरी है।

-जीतन ठाकुर, स्थानीय निवासी।

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भले ही स्कूलों में बेहतर शिक्षा सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करने के कई दावे किए जाते हों लेकिन सकरैणा स्कूल की जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां पर तूफान से उड़ी छत को दुरुस्त नहीं किया गया है।

-केबल ठाकुर, स्थानीय निवासी।

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जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है, तब से शिक्षा के संबंध में कुछ खास नहीं किया जा रहा है। जब स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को छत ही नसीब नहीं होगी तो फिर वे कैसे बेहतर पढ़ाई कर सकते हैं। अपनी खामियों का नतीजा वर्तमान सरकार को चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

-ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व वनमंत्री।

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स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान ठप पड़े कार्यो को गति दी जा रही है। साथ ही नए विकास कार्य भी करवाए जा रहे हैं।

-जिया लाल कपूर, विधायक भरमौर।

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