चंबा में अभी भी एक लाख से अधिक लोग अशिक्षित

जिला चंबा में निरक्षरता को खत्म करने के लिए शुरू किया गया साक्षर भारत मिशन भी सवा लाख से अधिक प्रौढ़ों व अन्य को निरक्षर छोड़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 04:25 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:25 AM (IST)
चंबा में अभी भी एक लाख से अधिक लोग अशिक्षित
चंबा में अभी भी एक लाख से अधिक लोग अशिक्षित

संवाद सहयोगी, चंबा : जिला चंबा में निरक्षरता को खत्म करने के लिए शुरू किया गया साक्षर भारत मिशन भी सवा लाख से अधिक प्रौढ़ों व अन्य को निरक्षर छोड़ गया है। वर्ष 2009 में प्रदेश के अकेले जिला चंबा में शुरू किए गए अभियान के तहत सभी प्रोढ़ सहित अन्य अनपढ़ लोगों को साक्षर बनाया गया था, लेकिन सरकार की ओर से जारी की गई ताजा लिस्ट में चंबा में एक लाख 18 हजार से अधिक लोगों को चंबा में निरक्षर बताया गया है। ऐसे में करीब 20 साल तक चले साक्षर भारत मिशन अभियान की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चंबा में अभी भी मौजूद सवा लाख से अधिक अशिक्षितों को पढ़ना लिखना अभियान के तहत साक्षर किया जाएगा, ताकि प्रदेश के अलावा पिछड़े जिला चंबा में सौ प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।

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इस वर्ष 25 हजार को साक्षर करने का लक्ष्य

पढ़ना लिखना अभियान के तहत चंबा में इस वर्ष 25 हजार अशिक्षित लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई सूची के तहत चंबा में एक लाख 18 हजार से अधिक लोग अभी भी अशिक्षित हैं जिन्हें वर्ष 2025 तक पूरी तरह से साक्षर बनाया जाएगा।

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स्वयंसेवी शिक्षक घर-घर जाकर ढूंढेंगे अशिक्षित

पढ़ना लिखना अभियान के तहत हर स्कूल से चार पांच स्वयंसेवियों को चुना जा रहा है। विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के अलावा कॉलेज व स्कूल के छात्र भी इसमें शामिल हो सकते हैं। ये स्वंयसेवी घर-घर जाकर अशिक्षित लोगों का ब्योरा इकट्ठा कर शिक्षा कार्यालय जमा करवाएंगे। उसके बाद इन लोगों को पढ़ाई लिखाई से संबंधित सामग्री वितरित करने के साथ उनको पढ़ाना लिखाना शुरू किया जाएगा। इसे लेकर इन वालंटियर को ब्लॉकस्तर पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

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प्रदेश के छह जिलों में प्रौढ़ शिक्षा की तर्ज पर शुरू किए गए पढ़ना-लिखना अभियान को सफल बनाने के लिए 90 फीसद पैसा केंद्र सरकार जबकि 10 प्रतिशत राशि प्रदेश सरकार को खर्च करनी होगी। अभियान के तहत 15 से 80 वर्ष की आयु तक के लोगों को शामिल किया जाएगा।

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अकेले चंबा में शुरू किया गया था साक्षर भारत मिशन

चंबा को साक्षर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2009 में साक्षर मिशन आरंभ किया था। एसएसए की देखरेख में चलाए जा रहे इस अभियान को सफल बनाने के लिए चंबा में 520 प्रेरक रखे गए थे। हर पंचायत से प्रेरक के रूप में दो युवाओं का चयन किया गया था। दो हजार रुपये मानदेय पर रखे ये प्रेरक घर-घर जाकर अशिक्षित लोगों को पढ़ाने के साथ उन्हें शिक्षण सामग्री भी बांटी थी।

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पढ़ना लिखना अभियान के तहत चंबा में इस वर्ष 25 हजार अशिक्षित लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर स्वयंसेवियों को खंडस्तर पर प्रशिक्षिण दिया जा रहा है। स्वयंसेवी घर-घर जाकर अशिक्षित लोगों की सूची तैयार करेंगे।

-राजेश कौशल, कार्यकारी उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा चंबा।

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