नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना प्राथमिकता : संजीव भाटिया

पुलिस विभाग में वर्ष 1996 से सेवाएं दे रहे संजीव एसडीपीओ डलहौजी के पद पर तैनात हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Aug 2022 11:30 PM (IST) Updated:Thu, 25 Aug 2022 11:30 PM (IST)
नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश
लगाना प्राथमिकता : संजीव भाटिया
नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना प्राथमिकता : संजीव भाटिया

संवाद सहयोगी, डलहौजी : पुलिस विभाग में वर्ष 1996 से सेवाएं दे रहे और बेहतरीन सेवाओं के लिए डीजीपी डिस्क अवार्ड से सम्मानित संजीव भाटिया ने वीरवार को उपमंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) डलहौजी का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि उनके अधीन आने वाले तीनों पुलिस थाना क्षेत्रों डलहौजी, चुवाड़ी व खैरी में कानून वयवस्था कायम रखना उनकी जिम्मेदारी है। तीनों थाना क्षेत्रों के तहत नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना उनकी प्राथमिकता है।

बकौल संजीव भाटिया, क्षेत्र से चिट्टा व चरस के अवैध कारोबार को खत्म किया जाएगा। क्षेत्र में जो नशा तस्कर सक्रिय हैं, वे इस अवैध कारोबार से तौबा कर लें। नशा तस्करों को सहन नहीं किया जाएगा। साइबर क्राइम के भी मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। लोगों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके तहत स्कूलों, कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। पुलिस व जनता के बीच मैत्रीपूर्ण माहौल बनाया जाएगा। यातायात व्यवस्था को बेहतर व सुचारू बनाने के लिए अधीनस्थ पुलिस कर्मचारियों के साथ बैठक कर विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी। किसी प्रकार की अवांछित व गैरकानूनी गतिविधि नजर आने पर लोग देश के एक सच्चे नागरिक होने के नाते फौरन पुलिस को सूचना दें ताकि जनसहयोग से पुलिस अपराधमुक्त समाज बनाने में सफल हो सके। 26 वर्ष की पुलिस सेवा के दौरान अहम पदों पर रहे संजीव

संजीव भाटिया इससे पहले द्वितीय आइआरबीएन सकोह में असिस्टेंट कमाडेंट थे। वह पुलिस के महिला दस्ते के प्रशिक्षण अधिकारी थे। वह 26 वर्ष की पुलिस सेवा के दौरान अहम पदों पर रहे। वह पुलिस थाना खैरी, किहार, सरकाघाट व चंबा में एसएचओ रहने के साथ वर्ष 2007 से 2010 तक बतौर एसएचओ डलहौजी में सेवाएं दे चुके हैं। वर्ष 2010 में पदोन्नति होने पर भाटिया ने एसडीपीओ आनी (कुल्लू) में सेवाएं देने के साथ डीएसपी विजिलेंस बिलासपुर के पद पर रहते हुए चर्चित अवैध कटन मामले में बेहतरीन जांच की थी। बहुचर्चित वनरक्षक होशियार सिंह की मौत के मामले में भाटिया जांच अधिकारी थे।

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