स्ट्रीट लाइटों पर 12 करोड़ खर्च, फिर भी अंधेरे में ट्विन सिटी

करोड़ से अधिक खर्च करने के बावजूद ट्विन सिटी अंधेरे में है। खराब हुई लाइटों को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई जा रही हैं। बाहरी कॉलोनियां ही नहीं बल्कि पॉश एरिया भी शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 06:40 AM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 06:40 AM (IST)
स्ट्रीट लाइटों पर 12 करोड़ खर्च, फिर भी अंधेरे में ट्विन सिटी
स्ट्रीट लाइटों पर 12 करोड़ खर्च, फिर भी अंधेरे में ट्विन सिटी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : 12 करोड़ से अधिक खर्च करने के बावजूद ट्विन सिटी अंधेरे में है। खराब हुई लाइटों को ठीक करने की जहमत नहीं उठाई जा रही हैं। बाहरी कॉलोनियां ही नहीं, बल्कि पॉश एरिया भी शाम ढलते ही अंधेरे में डूब जाती हैं। स्ट्रीट लाइटों से संबंधित 80-100 शिकायतें मिल रही हैं। शुक्रवार को एसई महीपाल ने संबंधित कर्मचारियों की बैठक ली और व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी दावा किया है हर वार्ड में 50 लाख रुपये से लाइट लगाई गई हैं। शहर में पसरा अंधेरा स्ट्रीट लाइट पर खर्च हो रही रकम को आईना दिखा रहा है। जिस पर सब चुप्पी साधे हुए है।

निगम के रिकॉर्ड में तीन साल में ये हुआ खर्च

वर्ष खर्च

2016-17 तीन करोड़ 10 लाख

2017-18 चार करोड़ 41 लाख

2018-19 70 लाख 80 हजार

2019-20 के लिए निर्धारित : चार करोड़ 80 लाख।

शहर में 25 हजार प्वाइंट

नगर निगम एरिया में स्ट्रीट लाइटों के कुल 25 हजार स्ट्रीट प्वाइंट हैं। अधिकांश लाइट खराब रहती हैं। जानकारी के मुताबिक खराब हुई लाइट को 48 घंटे में ठीक कराने का प्रावधान है, जबकि दो-दो माह तक लाइटें ठीक नहीं कराई जाती। जन प्रतिनिधियों का कहना है कि बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद स्ट्रीट लाइटों को ठीक नहीं किया जाता।

यहां रात में अंधेरा

दैनिक जागरण टीम ने स्ट्रीट लाइटों की पड़ताल की, तो हमीदा रोड, हमीदा कॉलोनी, जम्मू कॉलोनी, मॉडल कॉलोनी, मॉडल टाउन, कैंप एरिया, बैंक कॉलोनी, बिलासपुर रोड, सहारनपुर रोड, गोविदपुरा रोड, माया कॉलोनी, आजादनगर, चौधरी कॉलोनी, दशमेश कॉलोनी, जसवंत कॉलोनी, लाजपत नगर, राजीव गार्डन, गंगा नगर, दुर्गा गार्डन, वार्ड चार में जगह जगह अंधेरा ही मिला। यहां के लोग नगर निगम की बिगड़ती व्यवस्था से बेहद त्रस्त है। पार्षद निर्मला चौहान और देवेंद्र सिंह का कहना है कि स्ट्रीट लाइट पर हुई खर्च की जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके।

ठेकदारों पर खास मेहरबानी

समय पर स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं होती। इस बारे में नियम जरूर बनाए जा रहे हैं, लेकिन उनका पालन नहीं हो पा रहा है। यदि समय पर लाइट ठीक न की जाए तो 50 रुपये प्रतिदिन तथा पांच दिन के बाद सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाने का नियम है। हद इस बात की है कि किसी ठेकेदार पर नगर निगम ने जुर्माना नहीं लगाया है। ठेकेदारों पर कार्रवाई न होने से हौसले बुलंद हैं।

कोई नहीं सुनता नगर निगम में

बैंक कॉलोनी और मायपुरी में रहने वाले विशाल, रमेश राणा और रविद्र कुमार का कहना है कि कॉलोनी की गलियां कच्ची है। सीवर लाइन और गैस लाइन बिछाने से गलियों की हालत ज्यादा खराब हो गई। दिन ढलते ही गलियों में अंधेरा पसर जाता है। स्ट्रीट न होने के कारण दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। आए दिन टूटी गलियों में लोग अंधेरे में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों को कई दफा गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है।

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स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव पर दें ध्यान, सुबह सात बजे करें बंद : एसई

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : नगर निगम एसई महीपाल सिंह ने वार्डो में रखे गए इलेक्ट्रिशियन और हेल्परों की बैठक ली। उनको स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव पर ध्यान रखने और समय समय पर जांच करने के निर्देश दिए। एसई ने उन्हें सुबह सात बजे स्ट्रीट लाइटों को हर हाल में बंद करने के कड़े निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि नगर निगम के हर वार्ड में 50 लाख रुपये से स्ट्रीट लाइटें लगाई हुई हैं। उन्हें पता चला है कि कई वार्डो में स्ट्रीट लाइट दिन में भी जलती रहती हैं। इससे नगर निगम का आर्थिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने इलेक्ट्रिशियन और हेल्परों को निर्देश दिए, इन स्ट्रीट लाइटों को सुबह सात बजे तक बंद कर दें। इसके लिए वे जिस दुकानदार की दुकान और शहरवासी के घर के बाहर स्ट्रीट लाइटें लगी हुई है, उनसे सहयोग ले सकते हैं। शहरवासी और दुकानदार का भी कर्तव्य बनता है कि वे स्वयं स्ट्रीट लाइट को बंद कर दे। इसके अलावा कई स्ट्रीट लाइटों के स्विच खराब पड़े हुए हैं। जिन लाइटों पर स्विच नहीं है। उनपर स्विच लगाएं। हर वार्ड का जगमग रखने के लिए वे अपनी ड्यूटी निष्ठा और ईमानदारी से निभाए। मौके पर एक्सईएन प्रमोद कुमार, जेई प्रदीप नागपाल, सिमरनजीत सिंह आदि मौजूद रहे।

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