भू-जल दोहन रोकने के लिए ट्यूबवेलों पर लगेंगे आटोमेशन डिवाइज

भू-जल का दोहन रोकने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सरकारी विभागों के ट्यूबवेलों पर आटोमेशन डिवाइज लगाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 May 2019 10:44 AM (IST) Updated:Mon, 06 May 2019 10:44 AM (IST)
भू-जल दोहन रोकने के लिए ट्यूबवेलों पर लगेंगे आटोमेशन डिवाइज
भू-जल दोहन रोकने के लिए ट्यूबवेलों पर लगेंगे आटोमेशन डिवाइज

संजीव कांबोज, यमुनानगर : भू-जल का दोहन रोकने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने सरकारी विभागों के ट्यूबवेलों पर आटोमेशन डिवाइज लगाए जाएंगे। निदेशालय स्तर इसकी शुरुआती हो गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 25 ट्यूबवेलों पर ये डिवाइज लगेंगे। ये ट्यूबवेल कृषि विभाग, होर्टिकल्चर, वन विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों के हैं। इसका मकसद पानी के व्यर्थ बहाव को रोकना व हर दिन कौन सा ट्यूबवेल कितने समय तक चला, इसका आंकलन करना है। यमुनानगर में वन विभाग के 14, केवीके के दो व एक होर्टिकल्चर का ट्यूबवेल है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का एक भी ट्यूबवेल नहीं है। सभी जिलों से इन विभागों के ट्यबवेलों की रिपोर्ट मांग ली है। सहायक कृषि अभियंता को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इस प्रकार करेगा काम

आटोमेशन डिवाइज ट्यूबवेल पर लगा दिया जाएगा। उसके बाद मोबाइल पर एक एप डाउनलोड होगी। इसके जरिए घर बैठे ही इस ट्यूबवेल को बंद भी कर सकेंगे और चला भी सकेंगे। इतना ही निदेशालय स्तर पर बैठे उच्चाधिकारी यह देख सकेंगे कि हर दिन कितना पानी धरती से निकल रहा है। कहीं कोई लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है। यदि इसी गति से जल दोहन होता रहा तो भविष्य में क्या स्थिति होगी? प्रथम चरण में ये यह डिवाइज सरकारी ट्यबवेलों पर लगेंगे। सकारात्मक परिणाम सामने आने पर किसानों तक इस योजना को पहुंचाना सरकार की प्लानिग का हिस्सा है। खेत में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी

सरकार की यह योजना यदि सिरे चढ़ी तो ट्यूवबेल चलाने या बंद करने के लिए खेत में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। किसान घर पर ही अपने मोबाइल एप से ट्यूबवेल को बंद कर सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक डिवाइज की कीमत भी अधिक नहीं है। यह 4-5 हजार में तैयार हो सकेगा। सरकार का यही प्रयास है कि पानी का दोहन कम से कम हो, ताकि भविष्य में जल सकंट का सामना न करना पड़े। लगातार गिरता भू-जलस्तर सरकार के लिए भी चुनौती बना हुआ है। सरकारी ट्यूबवेलों पर आटोमेशन डिवाइज लगाने की योजना निदेशालय स्तर पर चल रही है। हम से तो यह रिपोर्ट मांगी गई है कि किस विभाग के कितने ट्यूबवेल हैं। प्रथम चरण में 25 ट्यूबवेलों पर ये डिवाइज लगाने की योजना है। इसका मकसद पानी के व्यर्थ बहाव को रोकना है। कई बार किसान ट्यूबवेल को चालू छोड़कर घर आ जाता है। डिवाइज लगने पर वह घर बैठकर की ट्यूबवेल को बंद कर सकेगा। साथ ही अधिकारी भी जल के दोहन पर नजर रख सकेंगे।

डॉ. विनीत जैन, सहायक कृषि अभियंता।

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