अवैध खनन के आरोपितों का राजस्व रिकॉर्ड खंगालेगी पुलिस

जागरण संवाददाता यमुनानगर सिचाई विभाग की ओर से प्रतापनगर थाने में दर्ज कराए अवैध खनन के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Mar 2019 10:34 AM (IST) Updated:Wed, 06 Mar 2019 10:34 AM (IST)
अवैध खनन के आरोपितों का राजस्व रिकॉर्ड खंगालेगी पुलिस
अवैध खनन के आरोपितों का राजस्व रिकॉर्ड खंगालेगी पुलिस

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

सिचाई विभाग की ओर से प्रतापनगर थाने में दर्ज कराए अवैध खनन के केसों की अब पुलिस जांच में लगी है। जिन लोगों पर अवैध माइनिग का आरोप लगाते हुए सिचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल ने शिकायत दी। उनकी यह जमीन बताई जा रही है। हालांकि पुलिस अब राजस्व में जमीनों का रिकॉर्ड खंगालेंगी। प्रताप नगर के थाना प्रभारी नवीन सिधू का कहना है कि एसडीओ की ओर से जो भी शिकायत दी गई, उस पर केस दर्ज कर लिया। यह भी देखा जाएगा कि जिस जमीन में अवैध खनन की बात कही जा रही है। वह राजस्व में उनके नाम है या नहीं।

दरअसल, डीसी आमना तस्नीम ने हथिनीकुंड, ताजेवाला एरिया का दौरा किया। उनके सामने ही अवैध खनन होता मिला। इस पर सिचाई विभाग और माइनिग टीम हरकत में आई। सिचाई विभाग की ओर से आनन फानन में दो शिकायतें देकर केस दर्ज कराया। शिकायत में कहा गया कि

यमुना नदी के आरडीएसई बांध (ताजेवाला) के किनारे के साथ पश्चिम दिशा में 40-50 फीट गहरा अवैध खनन किया है। इससे यमुना नदी पर बने बांध के टूटने का खतरा है। यमुना नदी में पानी आने पर इसके टूटने से काफी जान माल का नुकसान हो सकता है। इसमें ताजेवाला निवासी नसीमा पत्नी सनवर, शबाना पत्नी मनवर, सितारा पत्नी इमरान खान, इसरान खान, विनोद कुमार और राजेंद्र कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। दूसरी शिकायत में कहा गया कि यमुना नदी के किनारे पर बने लालटोपी घाट बांध के पास चार डंपर अवैध खनन करते पाए गए। हालांकि दो चालक डंपर को भगा ले गए। इन डंपरों में स्टोन बोल्डर बड़ा पत्थर भरा पाया गया। इनमें क्षमता से अधिक मैटेरियल भरा मिला। जल्दबाजी में करा दिया केस दर्ज

अवैध खनन के लिए सिचाई विभाग ने थाने में केस दर्ज कराकर अपनी गर्दन बचा ली, लेकिन आनन-फानन में जिन लोगों के नाम लिखवाए गए। उनका अवैध खनन में कोई हाथ यह सबूत नहीं मिले। बताया जा रहा है कि जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है। वह पहले भी अवैध खनन में गिरफ्तार हो चुके हैं। इसलिए इस बार भी सिचाई विभाग ने उन्हीं के नाम की शिकायत बिना जांच के ही दे दी।

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