यहां बैठते हैं एसपी, डीसी, फिर भी बैटरियां हो गई चोरी

जिला सचिवालय डीसी कार्यालय के सामने लगाई गई सोलर लाइटों की बैटरियां गायब हैं। महीनों से बंद पड़ी इन लाइटों की हजारों रुपये की बैटरियां चोरी हो गई या फिर इन्हें बेच दिया गया। सचिवालय की देखरेख करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान जरूर लग गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 18 Dec 2019 09:47 AM (IST) Updated:Wed, 18 Dec 2019 09:47 AM (IST)
यहां बैठते हैं एसपी, डीसी, फिर भी बैटरियां हो गई चोरी
यहां बैठते हैं एसपी, डीसी, फिर भी बैटरियां हो गई चोरी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जिला सचिवालय डीसी कार्यालय के सामने लगाई गई सोलर लाइटों की बैटरियां गायब हैं। महीनों से बंद पड़ी इन लाइटों की हजारों रुपये की बैटरियां चोरी हो गई या फिर इन्हें बेच दिया गया। सचिवालय की देखरेख करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान जरूर लग गया है।

सचिवालय परिसर में इलेक्ट्रॉनिक लाइटों के अलावा कई सोलर लाइटें भी लगाई गई हैं। ताकि बिजली गुल होने पर धूप से चार्ज होने वाली बैटरियों से परिसर में रोशनी हो सके। इन सोलर लाइटों को प्रशासन ज्यादा दिन संभाल कर नहीं रख सका। एक सोलर लाइट तो बिल्कुल डीसी कार्यालय के ठीक बाहर लगी है। इसमें भी बैटरी नहीं है। इसी तरह जहां एडीसी की कार खड़ी होती है वहां पर भी लाइट लगी हुई है। इसमें से भी बैटरी गायब हो चुकी है। खास बात ये है कि इन लाइटों की बैटरियां जमीन से काफी ऊंचाई पर हैं। इन्हें चोरी करने के लिए भी चोरों को सीढ़ी लगानी होगी। यदि चोरों ने ये काम सीढ़ी लगाकर किया है तो सचिवालय की सुरक्षा सवालों के घेरे में हैं। यदि चोर सीढ़ी लेकर सचिवालय में आए व आसानी से बैटरियां उतार ले गए और किसी को पता तक नहीं चला। डिस्प्ले बोर्ड से भी बैटरी गायब :

जहां पर डीसी की कार पार्क होती है उसके ठीक बाएं तरफ गत वर्ष एक डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया था। इसके ऊपर दो सोलर पैनल व नीचे एक बैटरी लगी थी। शाम होते ही लाइट जल जाती थी। जिससे बोर्ड पर लिखा सरकारी योजना का नाम दूर से ही दिखाई देता था। किसी ने इस बोर्ड को तोड़ कर अंदर से न केवल लाइटें चोरी कर ली बल्कि हजारों रुपये की बैटरी भी निकाल ली। चोरी करने वालों पर आज तक एफआइआर भी नहीं करवाई गई।

इस बारे में पीडब्ल्यूडी इलेक्ट्रिक ब्रांच के जेई ने बताया कि सोलर लाइट उनकी नहीं है। ये नगर निगम की लगाई हो सकती हैं।

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