नालों की सफाई का बजट घटाया, मास्की का पद न होते हुए भी बढ़ाया

नंबर गेम 55 लाख गत वर्ष निर्धारित था बजट इस बार रखा 36 लाख 50 हजार 110 सफाई कर्मचारी नालों

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Mar 2019 01:16 AM (IST) Updated:Wed, 13 Mar 2019 01:16 AM (IST)
नालों की सफाई का बजट घटाया, मास्की का पद न होते हुए भी बढ़ाया
नालों की सफाई का बजट घटाया, मास्की का पद न होते हुए भी बढ़ाया

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ट्विन सिटी के नालों की सफाई के लिए इस बार नगर निगम ने बजट घटा दिया है। गत वर्ष 55 लाख रुपये निर्धारित था, जबकि इस बार केवल 36 लाख 50 हजार रुपये निर्धारित किया है। शहर में छोटे बड़े 32 नाले हैं। जबकि मास्की (शौचालय की सफाई करने वाला) का पद न होते हुए भी बजट बढ़ा दिया गया है। गत वर्ष बजट केवल 19 लाख रुपये था, लेकिन इस बार बढ़ाकर 71 लाख रुपये कर दिया है। पार्षद इस पर सवाल उठा रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि पर्याप्त संसाधनों और बजट के चलते नालों की नियमित रूप से सफाई नहीं हो पा रही थी तो कम करने पर कैसे हो पाएगी? दूसरा, शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठ हरे हैं। 110 कर्मचारी हटाए

नगर निगम में 682 सफाई कर्मचारी हैं। 110 कर्मचारी नालों की सफाई का काम करते थे। इन कर्मचारियों को हटा दिया गया। अब नालों की सफाई के लिए अलग से कर्मचारी नहीं है। जो कर्मचारी शहर की सफाई करते हैं, उन्हीं के भरोसे नालों की सफाई है।अब सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। इसके अलावा रात को सफाई करने वाले 30 कर्मचारी भी हटा दिए हैं। यह बजट है तय

नाला गैंगमैन के लिए वर्ष-2018-19 में 55 लाख रुपये बजट रखा गया था, लेकिन इस बार घटाकर 36 लाख 50 हजार रुपये निर्धारित किया है। सफाई के लिए भी वर्ष-2018-19 में 15 करोड़ रुपये बजट निर्धारित किया था, जबकि इस बार 21 करोड़ 70 लाख रुपये निर्धारित था। माली के लिए भी अबकी बार बजट बजट घटाया दिया है। गत वर्ष दो करोड़ पांच लाख रुपये था, लेकिन इस बार घटाकर 1 करोड़ 70 लाख रुपये कर दिया है। ट्विन सिटी में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। वार्ड में जगह-जगह कचरे के ढेर हैं। इस बारे कई बार शिकायत दे चुके हैं, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ। जिस कंपनी को सफाई का टेंडर दिया हुआ है, उसका टेंडर भी रद किए जान की मांग की चुकी है। नगर निगम अधिकारियों को सफाई व्यवस्था की ओर ध्यान देना चाहिए। नालों व नालियों की भी नियमित रूप से सफाई नहीं हो पा रही है।

प्रिस शर्मा, पार्षद। नालों की सफाई का बजट घटाने के बजाय बढ़ाना चाहिए था, क्योंकि नालों की नियमित तौर पर सफाई न होने के कारण बारिश के दिनों में परेशानियां बढ़ जाती हैं। शहर की कई कॉलोनियां जलमग्न हो जाती हैं। नगर निगम में मास्की का पद न होते हुए भी इसका बजट बढ़ा दिया गया है। नगर निगम अधिकारी अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं। आबादी के लिहाज से नगर निगम के पास पहले ही सफाई कर्मचारियों की कमी है।

निर्मल चौहान, पार्षद।

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