पुलिस ने नहीं बनाए मौके के गवाह, नशा तस्करी के दो मामलों में आरोपित बरी

पुलिस की गलत इनवेस्टिगेशन की वजह से नशा तस्करी के दो मामलों में आरोपित अलग-अलग कोर्ट से बरी हो गए। पुलिस ने जब आरोपितों को काबू किया तो मौके से कोई चश्मदीद गवाह नहीं बनाया। इसके अलावा 50 एनडीपीएस एक्ट का नोटिस देते समय सही प्रक्रिया की पालना नहीं की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 08:30 AM (IST)
पुलिस ने नहीं बनाए मौके के गवाह, नशा तस्करी के दो मामलों में आरोपित बरी
पुलिस ने नहीं बनाए मौके के गवाह, नशा तस्करी के दो मामलों में आरोपित बरी

संवाद सहयोगी, जगाधरी : पुलिस की गलत इनवेस्टिगेशन की वजह से नशा तस्करी के दो मामलों में आरोपित अलग-अलग कोर्ट से बरी हो गए। पुलिस ने जब आरोपितों को काबू किया, तो मौके से कोई चश्मदीद गवाह नहीं बनाया। इसके अलावा 50 एनडीपीएस एक्ट का नोटिस देते समय सही प्रक्रिया की पालना नहीं की गई। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजयंत सहगल की कोर्ट ने आरोपित आजाद नगर निवासी संजय कुमार तथा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्वाती सहगल की कोर्ट ने आरोपित तीर्थ नगर निवासी कर्ण को बरी कर दिया।

10 ग्राम स्मैक के साथ काबू किया था संजय को

शहर थाना यमुनानगर के तत्कालीन उप निरीक्षक मोहन लाल 3 सितंबर 2017 को पुलिस टीम के साथ पश्चिमी यमुना नहर पटरी पर आजाद नगर की जीरो नंबर गली के सामने वाहनों की जांच कर रहे थे। इस दौरान एक युवक आता दिखा, जो पुलिस को देखकर घबरा गया। पुलिस द्वारा पूछने पर उसने अपना नाम आजाद नगर निवासी संजय बताया। पुलिस ने 50 एनडीपीएस एक्ट के तहत नोटिस देकर तलाशी ली, तो उसकी जेब से दस ग्राम स्मैक मिली। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी तथा उसे कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

छह ग्राम स्मैक के साथ काबू किया था कर्ण

शहर जगाधरी थाने के तत्कालीन थानेदार राजकुमार 11 मार्च, 2018 को पुलिस टीम के साथ अग्रसेन चौक पर वाहनों की जांच कर रहा थे। इस दौरान एक युवक बुड़िया चौक की ओर से आता दिखाई दिया। जो पुलिस को देखकर वापिस मुड़कर तेज कदमों से चलने लगा। पुलिस ने पीछा कर उसे काबू किया। 50 एनडीपीएस एक्ट के तहत नोटिस देकर उसकी तलाशी ली। पुलिस ने उसकी जेब से एक पोलिथिन मिलीं, जिसमें करीब छह ग्राम स्मैक थी। पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। आरोपित को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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