एमफिल व पीएचडी के विद्यार्थी 30 जून तक जमा करा सकेंगे शोध
विभिन्न विश्वविद्यालयों से एमफिल व पीएचडी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अच्छ
संवाद सहयोगी, जगाधरी : विभिन्न विश्वविद्यालयों से एमफिल व पीएचडी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। जिन विद्यार्थी ने अपना शोध कार्य 31 दिसंबर तक जमा करवाना था, अब वह 30 जून तक उसे जमा करा सकते हैं। कोरोना के कारण शोध कार्य में बाधा आने की वजह से यूजीसी ने यह निर्णय लिया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इस संदर्भ में सभी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर दिया है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने विश्वविद्यालयों को भेजे पत्र में कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय बंद हैं। यही वजह है कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं में अपना शोध या प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। लाकडाउन की वजह से मार्च में बंद हो गए थे विश्वविद्यालय
केंद्र सरकार ने लाकडाउन के दौरान देशभर के सभी विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए थे। हालांकि विश्वविद्यालयों एवं उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में पठन-पाठन शुरू करने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है। लेकिन कोरोना पर काबू न पाए जाने की वजह से अभी तक पढ़ाई स्ट्रीम लाइन नहीं हो पाई है। देश के अधिकांश उच्चतर शिक्षण संस्थानों में अभी भी आनलाइन मोड में पढ़ाई करवाई जा रही है। विद्यार्थी केवल अपनी समस्या के निदान के लिए ही शिक्षण संस्थान में जा सकते हैं। यूजीसी ने विद्यार्थियों को राहत प्रदान करने के लिहाज से 30 जून तक अपने शोध कार्य जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। पांच साल ही रहेगी फेलोशिप की अवधि
यूजीसी ने भले ही शोध कार्य को जमा करवाने के लिए छह महीने का समय बढ़ा दिया है। लेकिन एमफिल व पीएचडी शोध कार्य के लिए दी जाने वाली फेलोशिप की अवधि पांच साल ही रहेगी। यूजीसी के अधिकारियेां का कहना है कि बढ़ी हुई अवधि के दौरान शोध कार्य के लिए यूजीसी की ओर से कोई फेलोशिप नहीं दी जाएगी।