हर एक इंसान के साथ प्यार करना ही वास्तविक धर्म है : शेखपुरी

शहजादपुर स्थित ब्रांच बूड़िया के संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को कवि महात्मा मदन शेखपुरी की अध्यक्षता में सत्संग का आयोजन किया गया। मंच संचालन महात्मा राजपाल राही ने किया। सत्संग की शुरूआत पावन अवतारवाणी के शब्द गायन से हुई। सत्संग के दौरान अनेक वक्ताओं ने भजन विचार व कविताओं के माध्यम से प्यार एकता भाईचारे व मिलवर्तन का संदेश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Apr 2019 06:26 AM (IST) Updated:Mon, 15 Apr 2019 06:26 AM (IST)
हर एक इंसान के साथ प्यार करना ही वास्तविक धर्म है : शेखपुरी
हर एक इंसान के साथ प्यार करना ही वास्तविक धर्म है : शेखपुरी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहजादपुर स्थित ब्रांच बूड़िया के संत निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को कवि महात्मा मदन शेखपुरी की अध्यक्षता में सत्संग का आयोजन किया गया। मंच संचालन महात्मा राजपाल राही ने किया। सत्संग की शुरूआत पावन अवतारवाणी के शब्द गायन से हुई। सत्संग के दौरान अनेक वक्ताओं ने भजन, विचार व कविताओं के माध्यम से प्यार, एकता, भाईचारे व मिलवर्तन का संदेश दिया। ब्रांच बूड़िया मुखी महात्मा अश्वनी कुमार, शिक्षक धर्मपाल, सहायक शिक्षक बालकिशन, डॉ. सुर्जन, बनारसी दास, बिरमपाल, फकीरचंद, राजपाल आदि महापुरुषों ने महात्मा मदन शेखपुरी का मिशन का प्रतीक सफेद दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया।

महात्मा मदन शेखपुरी ने फरमाया कि हमें यह विचारना है कि हम जिस धर्म को मानते है, वह कही केवल बाहर की सजावटों, बाहर की बनावटों अथवा बाहर के पदार्थो तक ही तो सीमित नहीं। उन्होंने कहा कि मानव को हो मानव प्यारा, इक दूजे का बने सहारा। अर्थात इंसान इंसान के काम आए, उसका हर कठिन काम में सहारा बने और एक दूसरे से प्रेम भाव प्रकट करते हुए प्रेम करे। वास्तव में धर्म तो एक ही होता है और वह होता है मानवता का धर्म या मानव धर्म। प्रभु परमात्मा को जानकार हर एक इंसान के साथ प्यार करना ही वास्तविक धर्म है। हमारी जाति केवल इंसान है मानव है। हर एक इंसान में इस निरंकार परमात्मा का नूर वास करता है। इसलिए इंसानों वाला जन्म प्राप्त कर कर्म भी इंसानों वाले ही करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवता के गुणों को अपना कर ही इंसान, मानव कहलाने का हकदार है। आज यहीं पाठ निरंकारी मिशन द्वारा इंसानों को पढ़ाया जा रहा है।

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