बिना परमिट के ठेकों पर सप्लाई हो रही शराब, सीएम फ्लाइंग ने तीन पिकअप पकड़ी

यमुनानगर ठेकों पर बिना परमिट के शराब सप्लाई हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:04 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:04 PM (IST)
बिना परमिट के ठेकों पर सप्लाई हो रही शराब, सीएम फ्लाइंग ने तीन पिकअप पकड़ी
बिना परमिट के ठेकों पर सप्लाई हो रही शराब, सीएम फ्लाइंग ने तीन पिकअप पकड़ी

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ठेकों पर बिना परमिट के शराब सप्लाई हो रही है। बुधवार को सीएम फ्लाइंग ने रेड कर तीन पिकअप पकड़ी। इन गाड़ियों से 702 पेटी अंग्रेजी व देसी शराब की बरामद हुई है। मौके पर चालक इस शराब का परमिट नहीं दिखा सके। यह शराब कैंप व बूडिया क्षेत्र के ठेकों पर सप्लाई होनी थी। मामले में दो शराब ठेकेदारों समेत तीनों गाड़ियों के चालकों पर केस दर्ज हुआ है। सीएम फ्लाइंग के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने चांदपुर व फर्कपुर में तीन पिकअप पकड़ी। जब चालकों से परमिट मांगा, तो वह नहीं दिखा सके। पहले टीम ने चांदपुर में दो पिकअप पकड़ी। चालक के पास परमिट न होने पर गाड़ी को सीआइए वन में भिजवाया। वहीं इसके बाद फर्कपुर में गाड़ी पकड़ी। उसे भी सीआइए वन में लेकर पहुंचे। मौके पर आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया। सीएम फ्लाइंग के इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि इस मामले में पिकअप गाड़ी के चालक लाजपतनगर निवासी विद्यासागर, दुर्गा गार्डन निवासी ओमप्रकाश व जैन कालोनी निवासी कपिल कुमार के खिलाफ शिकायत दी गई है। वहीं दो शराब ठेकेदारों विनय व कैलाश के खिलाफ भी शिकायत दी गई है। शिकायत में कहा गया है कि जोडिया नाका पर विनय साहनी का केके वाइन एल वन है। सूचना मिली थी कि यहां से बिना परमिट के गाड़ियों में शराब सप्लाई की जा रही है। गाड़ी के चालक को पुराने कागजात दे दिए जाते हैं। जिस पर रेड की गई। फर्कपुर में जोडिया नाका के पास से पिकअप को रोका गया। जिसे चालक विद्यासागर चला रहा था। उसने जो दस्तावेज दिखाए, जो पुराने थे। जिस पर पिकअप को कब्जे में लिया गया। जांच के दौरान पिकअप से 227 पेटी देसी शराब की बरामद हुई। वहीं दो अन्य पिकअप से 475 देसी शराब की पेटियां बरामद हुई। इस मामले में शराब ठेकेदार कैलाश चंद्र, विनय व अन्य तीन चालकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।

बिना परमिट के निकालते हैं शराब :

ठेकेदार शराब का परमिट लेने में लापरवाही बरतते हैं। वह गोदामों से बिना परमिट के शराब ठेकों पर भिजवाते हैं। बाद में इन परमिटों को बैक डेट पर चढ़वा दिया जाता है। इसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों की भी लापरवाही रहती है। वहीं आबकारी विभाग के डीईटीसी अमित कुमार ने बताया कि यह शराब ठेकेदारों की थी। ठेकेदारों ने फीस भरी हुई है, लेकिन ठेकों पर शराब लाने के लिए पास जरूरी होता है। इस मामले में पास नहीं लिया गया था। यह निश्चित रूप से ठेकेदारों की लापरवाही है। इसके लिए उन पर पुलिस की ओर से ही कार्रवाई की जा रही है।

chat bot
आपका साथी