कपालमोचन मेले में नहीं जलेगी लकड़ी, प्रदूषण मुक्त बनाने के विकल्प तलाश रहा प्रशासन

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कपालमोचन मेले को प्रशासक प्रदूषण व धुआं मुक्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 02:03 AM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 02:03 AM (IST)
कपालमोचन मेले में नहीं जलेगी लकड़ी, प्रदूषण मुक्त बनाने के विकल्प तलाश रहा प्रशासन
कपालमोचन मेले में नहीं जलेगी लकड़ी, प्रदूषण मुक्त बनाने के विकल्प तलाश रहा प्रशासन

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कपालमोचन मेले को प्रशासक प्रदूषण व धुआं मुक्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं। पिछले वर्ष मेले को केरोसीन मुक्त कर दिया गया था, इस बार इसमें लकड़ी को जलाने पर रोक लगाने के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। जल्द ही इस कार्य को अमलीजामा पहना दिया जाएगा। एसडीएम नवीन आहुजा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा वातावरण में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे प्रदूषण मुक्त मेले का आयोजन हो सकेगा।

परिसर में होंगे कच्चे कोयले के डिपो

मेले में स्वच्छता व प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से लंगर, दुकानदारों व अन्य जगहों पर कमर्शियल सिलेंडर का प्रयोग होगा, वही जहां लकड़ी की भट्टियों का प्रयोग होता है। उसके स्थान पर कच्चे कोयले के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। मेला प्रशासन इसके लिए कोयला विक्रेताओं से संपर्क कर जल्द ही मेला परिसर में कच्चे कोयले का डिपो स्थापित करेगा। इसके साथ-साथ अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नियुक्त किया जाएगा, जो कि लंगर लगाने वाले व दुकानदारों को कच्चा कोयला प्रयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे।

आधार केंद्र मशीन लगेगी

मेला परिसर में दो जगहों को निर्धारित कर आधार कार्ड मशीन को लगाया जाएगा। यह दूसरे प्रदेशों से आने वाले संगत व व्यापारियों को अपने परिवार के सदस्य के बिछड़ने व गुम होने पर मददगार होगी। इसके साथ धर्मशाला, मंदिरों, गुरुद्वारा व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर मेले के दौरान रहने वाले संगत की आइडी ना होने पर वह दो केंद्रों से आसानी से अपने आधार कार्ड निकलवा सकेगा।

प्राचीन गऊ बच्छा मंदिर के मुख्य दरवाजे को किया बड़ा

मेले के दौरान प्राचीन गऊ बच्छा मंदिर पर सबसे अधिक भीड़ जुटती है जिसके कारण मंदिर के मुख्य गेट पर जाम की स्थिति बन जाती है। इससे निपटने के लिए मेला प्रशासन ने मंदिर के मुख्य गेट की चौड़ाई सात से बढ़ाकर बीस फुट कर दी है। मुख्य गेट के समक्ष अब लगभग चार कर्मचारी एक साथ ड्यूटी पर खड़े हो सकेंगे, इसके साथ-साथ मंदिर के मुख्य द्वार पर लगने वाली भीड़ से निजात मिलेगी।

कैमरों से रहेगी नजर

मेले में लगभग पांच दर्जन से अधिक अलग-अलग जगहों पर कैमरों को लगाया गया है। धार्मिक स्थलों के लिए अलग कैमरों की व्यवस्था की जाएगी। 19 से 23 नवंबर तक पूरे मेले की गतिविधियों को कैमरों में रिकार्ड किया जाएगा। इसके अलावा मेले का सीधा प्रसारण नेशनल चैनल भी किया जाएगा।

इस तरह दूर होगी परेशानी

मेला परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर व वाट्सएप नंबर जारी किया गया है, जिसके माध्यम से संगत अपने खोए हुए परिजनों को खोज सकेगी।

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