दुबई भेजने के नाम पर थमा दिया नकली वीजा, ठगे 3.90 लाख

विदेश भेजने के नाम पर बहादुरपुर निवासी मनजीत सिंह परमजीत सिंह व अरूण से 3.90 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 08:45 AM (IST) Updated:Fri, 28 Feb 2020 08:45 AM (IST)
दुबई भेजने के नाम पर थमा दिया नकली वीजा, ठगे 3.90 लाख
दुबई भेजने के नाम पर थमा दिया नकली वीजा, ठगे 3.90 लाख

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :

विदेश भेजने के नाम पर बहादुरपुर निवासी मनजीत सिंह, परमजीत सिंह व अरूण से 3.90 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उन्हें मुजाफ्त कलां निवासी अमित ने दुबई का नकली वीजा थमा दिया। जब वह फ्लाइट के लिए लखनऊ पहुंचे, तो उन्हें पकड़ लिया गया। बाद में परिवार के लोगों को पता लगा, तो उनकी जमानत कराई गई। पैसे भी वापस नहीं मिले। उन्होंने इस संबंध में एसपी को शिकायत दी थी। इकॉनॉमिक सेल से जांच के बाद केस दर्ज हुआ है।

मनजीत कुमार, उसके साथी परमजीत व अरूण पेंट का कार्य करते हैं। वर्ष 2018 में वह मुजाफ्त कलां में पेंट का कार्य करने के लिए गए थे। इस दौरान उन्हें मुजाफ्त कलां के जगीर सिंह ने कहा कि उनका बेटा अमित दुबई में रहता है। उससे बात कर लो, वह विदेश में अच्छी नौकरी दिलवा देगा। उसकी बातों में आकर मनजीत व उसके दोस्तों ने अमित से बात की। उसने वीजा लगवाने के नाम पर 3 लाख 90 हजार रुपये मांगे। वह तैयार हो गए। इस बीच उनके पास पंजाब के पठानकोट जिले के बरमोटा निवासी अमन भी आया। अमित ने ही उसे उनके पास भेजा था। सभी बातें तय होने पर उन्होंने तीन लाख 90 हजार रुपये आरटीजीएस के जरिए आरोपितों के खाते में डलवा दिया। अमन ने उन्हें वीजा दे दिया। उन्हें बताया गया कि पहले दिल्ली से फ्लाइट पकड़कर लखनऊ जाना है। वहीं से फ्लाइट दुबई के लिए मिलेगी। जब वह लखनऊ में पहुंचे, तो वहां पर चेकिग में उनका वीजा फर्जी निकला। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। उन पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया। परिवार को इस बारे में बताया, तो वह उनकी जमानत कराकर लाए। अब आरोपित अमित भी दुबई से आ गया है। न तो पैसे दे रहा है और न ही फोन रिसीव कर रहा है।

सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन लाख ठगे

जासं, यमुनानगर : थाना छप्पर के गांव कलावड़ के जितेंद्र सिंह को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर तीन लाख रुपये ठग लिए गए। आरोप जयपुर निवासी राजेश कांबोज, कलावड़ के सुल्तान सिंह व मुजाफ्त कलां के मामचंद पर लगा है। जितेंद्र का कहना है कि राजेश कांबोज ने उसे सरकार में बड़े नेताओं से जान पहचान होने की बात कही। उसने अपने साथियों सुल्तान व मामचंद से भी मिलाया था। उन्होंने वादा किया था कि वह उसे सरकारी नौकरी में लगवा देंगे। इसके बदले में तीन लाख रुपये मांगे गए। जिस पर उन्होंने पैसे दे दिए। जब काफी दिनों बाद भी उन्हें नौकरी के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली, तो आरोपितों से पैसे वापस मांगे। लेकिन वह आश्वासन देते रहे। बाद में आरोपितों ने धमकी देनी शुरू कर दी। परेशान होकर जितेंद्र ने मामले की कोर्ट में याचिका लगा दी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

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