सफाई कर्मियों की नियुक्ति न करने वाली कंपनियों पर गिरेगी गाज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : टेंडर में शर्तो के मुताबिक सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति न क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 May 2017 03:00 AM (IST) Updated:Sun, 21 May 2017 03:00 AM (IST)
सफाई कर्मियों की नियुक्ति न करने वाली कंपनियों पर गिरेगी गाज
सफाई कर्मियों की नियुक्ति न करने वाली कंपनियों पर गिरेगी गाज

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : टेंडर में शर्तो के मुताबिक सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति न करने वाली कंपनियों पर अब गाज गिरनी तय है। शिकायत मिलने के बाद निगम अधिकारियों ने हर वार्ड की मॉनिट¨रग करने का निर्णय लिया है। प्रत्येक वार्ड में कर्मचारियों की हाजिरी का ब्यौरा जुटाया जा रहा है ताकि अनियमितता बरतने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके। बता दें कि नियमित सफाई न होने के कारण पहले भी एक कंपनी को जुर्माना हो चुका है।

सफाई व कचरा उठान के लिए ट्विन सिटी को पांच जोन में बांटा हुआ है। जोन नंबर एक में वार्ड 1, 2, 3, 7, 11, 12, जोन दो में वार्ड नंबर 16, 17, 18, 19, 20, जोन तीन में 4, 6, 8, जोन चार में 5, 9, 10 व जोन नंबर पांच में 13, 14, 15 है। नियम के मुताबिक 400 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अलग-अलग वार्ड में कर्मचारियों की जितनी संख्या निर्धारित है, उससे बहुत कम संख्या में कर्मचारी सफाई कर रहे हैं। पर्याप्त न होने के कारण नियमित रूप से सफाई नहीं हो पा रही है। वार्ड नंबर 10 की आबादी 30 हजार की है, लेकिन कर्मचारी 30 हैं। जो कर्मचारी सफाई कर रहे हैं, वही डोर-टू-डोर कचरा उठा रहे हैं। वार्ड नंबर 4 की आबादी 50 हजार से ऊपर है जबकि पार्षद के मुताबिक सफाई कर्मचारियों की संख्या 20 से अधिक नहीं है। जबकि पहले सफाई कर्मचारियों की संख्या 50 से अधिक थी।

पॉश क्षेत्रों में भी बुरा हाल

शहर के पॉश एरिया व शिक्षण संस्थानों के पास से भी कचरा उठाना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। पुरानी कंपनी का टेंडर रद करने के बाद ट्विन सिटी में नगर निगम ने सफाई का जिम्मा अन्य कंपनियों को सौंपा और मास्टर प्लान के तहत काम करने की योजना बनाई। हालांकि एक अप्रैल से नई कंपनियों ने काम करना शुरू कर दिया लेकिन सफाई का अभी माहौल बना नहीं है। पार्षदों का कहना है कि सफाई न होने के कारण कालोनियों के लोगों के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

खुद उठाओ कचरा

सरकार ने सफाई व कचरा कलेक्शन के रेट निर्धारित किए हुए हैं जिसके मुताबकि बीपीएल से पांच रुपये, 200 गज तक 20 रुपये, 400 गज तक 30 रुपये लिए जाने थे, लेकिन कंपनी के कर्मचारी सभी से 50 रुपये वसूल कर रहे हैं। दुकानदारों से 100 रुपये लिए जा रहे हैं। जो लोग पैसे दे रहे हैं उनके यहां से कचरा उठाया जा रहा है, जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए उनके यहां से कचरा उठाना ही बंद कर दिया। बूड़िया में जगह-जगह ढेर लगे हुए हैं, लेकिन कर्मचारियों को शायद कोई सरोकार नहीं है। बूड़िया के सोहन लाल व नवीन का कहना है कि कंपनियों की कार्यप्रणाली की जांच की जानी चाहिए और अनियमितता बरतने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

व्यवस्था नहीं आ रही रास

वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त नहीं है। यही वजह है कि नियमित रूप से सफाई नहीं हो रही है। कई बार नगर निगम अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं। 400 की संख्या पर एक कर्मचारी होना चाहिए, लेकिन उनके वार्ड में करीब 1000 लोगों पर एक कर्मचारी है। ऐसे में सफाई व्यवस्था कितनी दुरुस्त रहेगी इस बात का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

सतपाल शर्मा, पार्षद, वार्ड नंबर-10।

20 से ज्यादा कर्मचारी नहीं

वार्ड की आबादी करीब 50 हजार है लेकिन सफाई कर्मचारी तो 20 भी नजर नहीं आते। गलियों में कई-कई दिन झाड़ू नहीं लगता। कई बार सीएम विंडो पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन वही ढाक के तीन पात। नालियां भी गंदगी से लबालब है। हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए। सफाई लोगों की मूलभूत जरूरत है ओर नियमित रूप से होनी चाहिए।

नियमों के मुताबिक हर वार्ड में सफाई कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए। यदि कर्मचारी ही पूरे नहीं होंगे तो सफाई नियमित रूप से कैसे होगी? नगर निगम अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। गलियों व नालियों की सफाई के साथ-साथ नालों की भी नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए। क्योंकि बारिश होने पर परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सरोज बाला, मेयर।

सभी वार्डो में सफाई कर्मचारियों की हाजिरी चैक की जा रही है। जिस वार्ड में कर्मचारियों की संख्या कम मिलेगी, संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हर वार्ड में नियमित रूप से सफाई होना जरूरी है। सफाई के मामले में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा।

दीपक सूरा, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम।

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