शिकायतकर्ता को फंसाकर पीठ थपथपा रहा सीआइए वन, कोर्ट ने लगाई फटकार, गिरफ्तार आरोपितों की जमानत याचिका खारिज
मछरौली गांव में शराब ठेके पर फायरिग के मामले में शिकायतकर्ता ठेकेदार बूटगढ़ निवासी कुलबीर सिंह को ही गिरफ्तार कर सीआइए वन भले ही पीठ थपथपा रही हो लेकिन इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
मछरौली गांव में शराब ठेके पर फायरिग के मामले में शिकायतकर्ता ठेकेदार बूटगढ़ निवासी कुलबीर सिंह को ही गिरफ्तार कर सीआइए वन भले ही पीठ थपथपा रही हो, लेकिन इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया। कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि दो अलग-अलग आइओ से जांच कराई जा रही है। इस बारे में कोर्ट तक से अनुमति नहीं ली गई। जबकि इसमें पहले ही तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया है। इसके आधार पर ही गिरफ्तार तीनों आरोपितों की सेशन कोर्ट ने जमानत भी खारिज कर दी। इसके बाद से ही अब सीआइए वन के उन पुलिसकर्मियों की परेशानी बढ़ी हुई है, जिन्होंने शिकायतकर्ता को ही इस केस में फंसाकर आरोपितों से धाराएं हटाई। कुलबीर सिंह के एडवोकेट अरूण ढांडा का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने नियमों की ठीक से पालना नहीं की है।
शराब ठेकेदार के भाई ने एसपी को दी शिकायत
शराब ठेकेदार कुलबीर सिंह के भाई कुलविद्र सिंह ने इस संबंध में बुधवार को एसपी को शिकायत दी। जिसमें कहा गया कि आरोपित बलविद्र ने इस केस में अग्रिम जमानत याचिका लगाई। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट से भी उसकी याचिका नामंजूर हुई। आरोप लगाया कि बलविद्र ने खुद को बचाने के लिए मछरौली के ही दो युवकों की मार्फत सीआइए वन में बात की। जहां उनके भाई को कुलबीर को बुलाया गया। यहां पर उसके भाई को डरा धमकाकर यह बयान लिखवाया गया कि उसने खुद ही ठेके के शटर पर गोली मारी। आरोप लगाया कि बलविद्र अवैध शराब बेचता है। उसने ही पुलिस से मिलीभगत की और उनके भाई को फंसवा दिया। जबकि उनके भाई के खिलाफ पहले कोई केस दर्ज नहीं है। इसलिए इस मुकदमे को कैंसिल किया जाए।
यह दी गई थी पहले शिकायत
बूटगढ़ निवासी शराब ठेकेदार कुलबीर सिंह ने शिकायत दी थी कि पांच जुलाई की रात को मछरौली गांव में शराब ठेके पर काका, बलविद्र उर्फ बिद्र व शमशेर उर्फ बब्लू ने 10-15 साथियों के साथ हमला बोल दिया था। इससे पहले आरोपितों ने उनके साथ गाली गलौज कर कार में तोड़फोड़ की। बाद में उनके ठेके पर पहुंचे और वहां बाहर खड़ी गाड़ियों को तोड़ दिया। इस दौरान फायरिग की गई। जिसमें ठेके के अंदर सो रहे कारिदे बाल-बाल बच गए थे। इस मामले में बिलासपुर पुलिस ने हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। जिसमें पुलिस ने शमशेर, अनिल व राजेश कुमार को गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित बलजिद्र को पकड़ा। इसके बाद ही पूरा मामला पलटा। सीआइए वन ने जब जांच की, तो उसमें दिखाया कि शराब ठेकेदार कुलबीर ने ही फायरिग की और उसने ही झूठा केस इन युवकों पर करा दिया। सीआइए वन के मनोज कुमार की शिकायत पर कुलबीर के खिलाफ फर्जी साक्ष्य तैयार करने, फायरिग करने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया। इसके साथ ही बलजिद्र व अन्य के खिलाफ दर्ज केस की धाराएं खत्म कर दी। इसके आधार पर ही बलजिद्र को जमानत मिल गई।