स्कूल ¨प्रसिपल के समर्थन में उतरी बार एसोसिएशन, रखा वर्क सस्पेंड

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : निजी स्कूल के ¨प्रसिपल पर युवती द्वारा लगाए छेड़छाड़ के मामले मे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Mar 2017 06:36 PM (IST) Updated:Tue, 14 Mar 2017 06:36 PM (IST)
स्कूल ¨प्रसिपल के समर्थन में उतरी बार एसोसिएशन, रखा वर्क सस्पेंड
स्कूल ¨प्रसिपल के समर्थन में उतरी बार एसोसिएशन, रखा वर्क सस्पेंड

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : निजी स्कूल के ¨प्रसिपल पर युवती द्वारा लगाए छेड़छाड़ के मामले में मंगलवार को बार एसोसिएशन स्कूल ¨प्रसिपल के पक्ष में उतर आई, क्योंकि ¨प्रसिपल वकील भी है। पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए वकीलों ने दिनभर वर्क सस्पेंड रखकर रोष जताया और एसपी से मुलाकात भी की। उधर पुलिस ने आरोपी ¨प्रसिपल को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस ने की एकतरफा कार्रवाई : प्रधान

बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट विजय गौतम ने बताया कि स्कूल संचालक एडवोकेट मुकेश दाबड़ा के साथ बेवजह मारपीट की गई। उन पर गलत आरोप लगाए गए। इसके तहत उन पर छेड़छाड़ तथा एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। पुलिस ने कोई जांच नही की, हालांकि स्कूल में जो हुआ वो सारी घटना सीसीटीवी में कैद है, कैसे उनको मारा गया। वो बेहोश हो गए फिर जब होश आया उनको फिर से मारा गया, उनके पास सारे सबूत थे, लेकिन पुलिस ने एक तरफा कार्रवाई की उनके ऊपर जानबूझ कर गलत आरोप लगाए गए। बिना किसी जांच के पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। बार एसोसिएशन इसकी ¨नदा करती है, वहीं आरोप लगाने वाले लोगों की ओर से पैसे की मांग की जा रही है। कोई भी वकील कोर्ट में नहीं गया। जरूरत पड़ी तो आगे भी वर्क सस्पेंड रहेगा।

यह है मामला

कांसापुर निवासी टीचर ने बताया था कि वह मायापुरी स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है। शनिवार को स्कूल के ¨प्रसिपल मुकेश दाबड़ा ने उसे कहा था कि 12 मार्च को स्कूल में बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लगानी है। इसलिए वह सुबह स्कूल में आ जाए। लेकिन उसने स्कूल में आने से साफ मना कर दिया था। लेकिन ¨प्रसिपल ने उसको कहा कि बच्चों की परीक्षाएं चल रही है। इसलिए एक्स्ट्रा क्लास लगाना जरूरी है। ¨प्रसिपल की बातों पर विश्वास कर वह रविवार को स्कूल में आ गई। वह स्कूल में आई तो पढ़ने के लिए बच्चे काफी कम आए थे। उसने कुछ देर बच्चों को पढ़ाया। जब वहां पर ¨प्रसिपल आए तो उन्होंने कहा कि बच्चे तो कम है इसलिए वह उनकी छुट्टी कर दे। उनके कहे अनुसार उसने सभी बच्चों को घर भेज दिया। टीचर का कहना है कि जब वह घर जाने लगी तो ¨प्रसिपल ने उसे रोक कर कहा कि लाइब्रेरी में कुछ किताबे यहां वहां पड़ी है। इसलिए व किताबों को ठीक कर दे। कुछ ही देर में ¨प्रसिपल भी वहां पर आ गया। वह किताबें ठीक करने के बहाने उसके नजदीक आया। मौका पाकर उसने ¨प्रसिपल उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। आरोप है कि टीचर को जातिसूचक शब्द भी कहे गए। इसके बारे में उसने परिजनों तथा पुलिस को बताया।

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