पश्चिमी यमुना नहर की पटरी की निशानदेही हुई
रादौर निवासी सतीश कुमार की शिकायत पर सिचाई विभाग की ओर से पश्चिमी यमुना नहर की पटरी की निशानदेही करवाई गई। यह निशानदेही रादौर के रेस्ट हाउस से लेकर जेएमआइटी कॉलेज तक हुई।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : रादौर निवासी सतीश कुमार की शिकायत पर सिचाई विभाग की ओर से पश्चिमी यमुना नहर की पटरी की निशानदेही करवाई गई। यह निशानदेही रादौर के रेस्ट हाउस से लेकर जेएमआइटी कॉलेज तक हुई। इस दौरान कानूनगो संजीव कुमार शर्मा, जेई गुरजीत सिंह, पटवारी राजेश कुमार व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री को भेजी थी शिकायत
दरअसल, 21 मई 2019 को सतीश कुमार ने सीएम विडो पर शिकायत देकर पश्चिमी यमुना नहर की पटरी पर अवैध कब्जे किए जाने की शिकायत दी थी। उनका कहना है कि यदि इस जमीन की निशानदेही करवाकर संबंधित विभाग अपने कब्जे में ले तो अवैध कब्जे नहीं होंगे। हालांकि पहले भी इस मामले की शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन शिकायतकर्ता को संतुष्ट किए बगैर ही फाइल बंद कर दी गई। यह सब अधिकारियों के साथ मिलीभगत से हुआ था। रेस्ट हाउस पुल से लेकर जेएमआइटी कॉलेज तक करीब एक किलोमीटर मीटर लंबी पटरी पर कई जगह अवैध कब्जे हैं। उनके मुताबिक सिचाई विभाग की ओर से नपा व जन स्वास्थ्य विभाग को भी नोटिस जारी किया जा चुका है। क्योंकि सिचाई विभाग की जमीन पर ही जन स्वास्थ्य विभाग का ट्यूबवेल भी है। अधिकारी लें संज्ञान
पश्चिमी यमुना नहर की पटरी दुपहिया वाहन चालकों व पैदल चलने के लिए है। निजी स्वार्थों के चलते इस जमीन पर कब्जा करना गलत है। जनहित में पटरी को कब्जा मुक्त किया जाना जरूरी है। इस संदर्भ में प्रशासनिक अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए।