नाटक से कलाकारों ने सिख इतिहास से रूबरू कराया

वर्तमान में सोशल मीडिया के बढ़ते चलन ने युवाओं को भारतीय संस्कृति व सिख इतिहास से विमुख कर दिया है। सिख इतिहास हमेशा से प्रेरणात्मक और कुर्बानी का रहा है। उक्त शब्द यूनिवर्सल आर्ट कल्चर वेलफेयर एकेडमी मोहाली के लेखक गुरदयाल सिंह ने कहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 06:40 AM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 06:40 AM (IST)
नाटक से कलाकारों ने सिख इतिहास से रूबरू कराया
नाटक से कलाकारों ने सिख इतिहास से रूबरू कराया

संवाद सहयोगी, बिलासपुर : वर्तमान में सोशल मीडिया के बढ़ते चलन ने युवाओं को भारतीय संस्कृति व सिख इतिहास से विमुख कर दिया है। सिख इतिहास हमेशा से प्रेरणात्मक और कुर्बानी का रहा है। उक्त शब्द यूनिवर्सल आर्ट कल्चर वेलफेयर एकेडमी मोहाली के लेखक गुरदयाल सिंह ने कहे। कपालमोचन मेले में सोसाइटी की तरफ से पहली बार ऐ लहू किसदा है नाटक का मंचन किया गया, जिसमें टीवी कलाकार अमृतपाल सिंह व नरेंद्र नीना ने मंचन कर दर्शकों को मनरंजन किया। नाटक का मंचन गुरु नानक देव जी की साखी भाई लाला मलिक भागो पर आधारित था, जिसमें गुरु नानक की साखी के बारे में कलाकारों ने मंचन किया। नाटक गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कपालमोचन की ओर से आयोजित कराया गया। गुरुद्वारा के मैनेजर नरेंद्र सिंह ने बताया कि दो दशक पूर्व भी मेले में नाटक मंडली, कॉमेडी, धार्मिक व सांस्कृतिक नाटकों से लोगों का मनोरंजन करते थे, लेकिन एकेडमी की ओर से ए लहू किसदा है, नाटक से युवाओं को सिख इतिहास से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। एसजीपीसी के पूर्व मीत प्रधान व सदस्य बलदेव सिंह कायमपुर ने नाटक एकेडमी के कलाकारों व सदस्यों को सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया।

सौ से अधिक नाटकों का कर चुके मंचन

नाटक एकेडमी के निदेशक गोपाल शर्मा ने बताया कि एकेडमी अब तक सामाजिक समस्याओं व सिख इतिहास पर सौ से अधिक नाटकों का मंचन कर चुकी है।

नाटक के मुख्य कलाकार अमृतपाल सिंह व नरेंद्र सिंह नीना हालीवुड फिल्म बैली ऑफ फ्लावर व सन ऑफ सरदार, मेले की हक की आवाज, तमिल फिल्म राजा लागा पोगींरेन में अभिनय कर चुके हैं। नरेंद्र सिंह ने बताया कि वे जल्द ही अमिताभ बच्चन के साथ शुबाइट फिल्म में नजर आएंगे।

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