निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की कुंडली खंगालने में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीम

जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग की ट

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Jan 2018 06:21 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jan 2018 06:21 PM (IST)
निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की कुंडली खंगालने में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीम
निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की कुंडली खंगालने में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीम

जागरण संवाददाता, सोनीपत : जिले के निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम कड़ा रुख अपना रही है। प्रदेश में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर आई लापरवाही की खबरों के बाद जिला अस्पताल की टीम भी अलर्ट है। जिले के कुल 74 निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों की कार्यप्रणाली पर जिला स्वास्थ्य टीम की पैनी नजर है। टीम ने सेंटर में बरती जाने वाली लापरवाही को उजागर करने के लिए कमर कस ली है। अस्पताल की पीएनडीटी (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) टीम छापे मारने के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर है। टीम ने पिछले तीन साल में कुल 42 बड़ी छापेमारी की है, जिसमें 21 छापेमारी प्रदेश के बाहर हुई तो 21 सोनीपत सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में की गई।

अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लगाम कसने के लिए जिला अस्पताल की टीम हर तीन महीने के अंतराल पर अल्ट्रासाउंड सेंटरों की पूरी जांच करती है। इस दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने वाले सेंटरों को तुरंत हिदायत दी जाती है। अगर किसी सेंटर पर गंभीर लापरवाही बरती जा रही है तो उस पर कड़ी कार्रवाई भी की जाती है।

निजी अल्ट्रासाउंड सेंटरों से आ रही लापरवाही की खबरें

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश व आसपास के क्षेत्रों से निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लापरवाही बरतने जैसी घटनाएं सामने आ रही है। हाल ही में रेवाड़ी के एक अल्ट्रासाउंड सेंटर ने पुरुष के पेट में गर्भाशय दिखा दिया। वहीं गुरुग्राम में एक सेंटर पर दो बार स्कैन करने के बावजूद यह पता न चल सका कि महिला के पेट में जुड़वां बच्चे हैं। डिलीवरी करते हुए डॉक्टर इस बात से अनजान रहे कि महिला के पेट में एक नहीं दो बच्चे हैं, इसी वजह से एक बच्चे की मौत भी हो गई। निजी सेंटरों में इस तरह की लापरवाही के केस आम हो चले हैं। छापेमारी के दौरान कई बार पता चलता है कि ऐसे सेंटरों पर मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता।

लापरवाही के केस आने पर हरकत में आई स्वास्थ्य टीम

जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड व ¨लग जांच से जुड़े सभी केस डिप्टी सीएमओ डॉ. आदर्श शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम देखती है। प्रदेश के अन्य जिलों से आ रही लापरवाही की घटनाओं के बाद जिला टीम भी हरकत में आ गई है। डॉ. आदर्श शर्मा ने बताया कि जिले का ¨लग अनुपात सुधारने के लिए वह पहले से ही अलर्ट रहे हैं। इसलिए अब जिले में ¨लग जांच कराने जैसे केस न के बराबर आते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले तक जिले में ¨लग जांच का गोरखधंधा फैला हुआ था, जिसे लगातार हुई छापेमारी के बाद धवस्त कर दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने लोगों को प्रेरित करने का भी काम बेहतर ढंग से किया है।

हर सेंटर की कुंडली खंगालने में जुटा जिला अस्पताल

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. जेएस पूनिया ने कहा कि जिले में कुल 74 अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं। इन सेंटरों की कार्यप्रणाली की जांच हर तीन महीने के अंतराल में चलती ही रहती है। इसके अलावा भी कहीं शक होने पर अचानक छापेमारी भी कर देते हैं। कुछ जिलों में हुई लापरवाही की घटनाओं के बाद हम अलर्ट हैं और किसी भी सूरत में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर बरती जाने वाली लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी सेंटर पर जाकर उनके सभी कागजात समेत उपकरण की जांच करते हैं। इसके अलावा सेंटर या लैब पर काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की भी गहनता से जांच की जाती है। पूनिया ने कहा कि हम ऐसे सेंटरों पर शिकंजा पहले से ही कसे चले आ रहे हैं, जिसका परिणाम है कि अब जिले का लिंग अनुपात 937 तक जा पहुंचा है।

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