कुंडली बनेगा नगरपालिका, सरकार को भेजा प्रस्ताव : डीसी

कुंडली गांव की आबादी एक लाख से अधिक हो चुकी है। इसके आसपास काफी संख्या में रिहायशी क्षेत्र भी विकसित हो गए हैं। ऐसे में कुंडली गांव को अब नगर पालिका का दर्जा दिया जाएगा। इसके लिए उपायुक्त विनय ¨सह ने पूरा प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भिजवाया है। उपायुक्त ने बताया कि जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 06:00 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 06:00 PM (IST)
कुंडली बनेगा नगरपालिका, सरकार को भेजा प्रस्ताव : डीसी
कुंडली बनेगा नगरपालिका, सरकार को भेजा प्रस्ताव : डीसी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : कुंडली गांव की आबादी एक लाख से अधिक हो चुकी है। इसके आसपास काफी संख्या में रिहायशी क्षेत्र भी विकसित हो गए हैं। ऐसे में कुंडली गांव को अब नगरपालिका का दर्जा दिया जाएगा। इसके लिए उपायुक्त विनय ¨सह ने पूरा प्रस्ताव बनाकर सरकार के पास भेजा है। उपायुक्त ने बताया कि जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इससे यहां और आसपास रहने वाले लोगों को शहरीकरण की सुविधाएं मिलेंगी। उपायुक्त ने बृहस्पतिवार को लघु सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने बताया कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने में आयुष्मान भारत योजना एक वरदान की तरह है। जिला में योजना का शुभारंभ 23 सितंबर को सिविल अस्पताल से होगा। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत जिला में ग्रामीण क्षेत्र में 47341 और शहरी क्षेत्र में 32117 लाभार्थी हैं। इन सभी का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। जिला में अभी तक इस योजना में 13 अस्पतालों को शामिल करने की अनुमति सरकार से मिली है। इनमें तीन सरकारी जिनमें सोनीपत नागरिक अस्पताल, उप नागरिक अस्पताल गोहाना और भक्त फूल¨सह महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर कलां शामिल हैं। वहीं दस प्राइवेट अस्पताल भी इसके तहत पंजीकृत हैं। बाकी आठ प्राइवेट अस्पतालों के लिए प्रक्रिया जारी है।  उन्होंने कहा कि जिला में स्वास्थ्य सेवाओं में काफी सुधार हुआ है। जिला में संस्थागत प्रसव दर 99 प्रतिशत है। इनमें से 70 प्रतिशत प्रसव सरकारी अस्पतालों में हो रहा है।  इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. जेएस पुनिया, कृषि उपनिदेशक डॉ. अनिल सहरावत, एसडीओ जयभगवान आदि भी मौजूद थे।  ई-गिरदावरी सिस्टम शुरू

उपायुक्त ने बताया कि जिला में ई-गिरदावरी सिस्टम लागू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत राई उप तहसील के सभी 44 गांवों में 15 सितंबर से इसकी शुरुआत कर दी गई है। इसके तहत सभी पटवारियों को प्रशिक्षण देकर टैब मुहैया करवाए गए हैं। 31 अक्टूबर तक इस सिस्टम के तहत यहां की ई-गिरदावरी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

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