शहर में दबाई जा रही हैं सीवर व पेयजल की लाइनें

जनस्वास्थ्य विभाग शहर के लोगों को पेयजल व सीवर लाइन की सुविधा मुहैया कराने के लिए आगामी 25 साल की प्ला¨नग को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Dec 2018 03:39 PM (IST) Updated:Wed, 05 Dec 2018 03:39 PM (IST)
शहर में दबाई जा रही हैं सीवर व पेयजल की लाइनें
शहर में दबाई जा रही हैं सीवर व पेयजल की लाइनें

जागरण संवाददाता, गोहाना : जन स्वास्थ्य विभाग शहर के लोगों को पेयजल व सीवर लाइन की सुविधा मुहैया कराने के लिए आगामी 25 साल की प्ला¨नग को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है। विभाग द्वारा जिस योजना के साथ काम किया जा रहा है उसमें अब शहर में अंतिम छोर पर बने प्रत्येक घर तक सीवर व पेयजल की सुविधा पहुंचाई जाएगी। पेयजल व सीवर व्यवस्था पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

प्रदेश सरकार ने करीब पांच साल पहले शहर की 13 कॉलोनियों को नियमित घोषित किया था। इन कॉलोनियों में सीवर व पेयजल की सुविधाएं नहीं थीं। सीएम मनोहर लाल ने करीब दो साल पहले शहर की इन नियमित कॉलोनियों के लोगों को पेयजल व सीवर की सुविधाएं मुहैया करवाने की घोषणा की थी। जनस्वास्थ्य विभाग सीएम घोषणा को तो अमलीजामा पहना ही रहा है साथ में आगामी 25 साल में बढ़ने वाली आबादी की संभावना को ध्यान में रख कर काम किया जा रहा है। अधिकारी सरकार के नियम के अनुसार मानते हैं कि साल में शहर में दो फीसद और ग्रामीण क्षेत्र में डेढ़ फीसद आबादी का दायरा बढ़ता है। यह दायरा केवल बाहरी हिस्से में बढ़ता है। पहले से आबाद व विकसित कॉलोनियों में आबादी वही बनी रहती है। विभाग द्वारा शहर में अब अंतिम छोर पर बसे प्रत्येक घर तक सीवर व पेयजल की लाइन पहुंचाने की योजना के साथ काम किया जा रहा है। अंतिम छोर भी उस हिस्से को माना गया है जो नगर परिषद की सीमा के अंदर हैं। बीच में भले ही खाली प्लाट हैं लेकिन सब घरों तक दोनों मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की योजना के साथ काम किया जा रहा है। विभाग द्वारा इन दिनों शहर में पांच साल पहले नियमित हुई और बाहरी कॉलोनियों में शामिल विष्णु नगर, कृष्णा कॉलोनी, दरियापुर बस्ती के अलावा अन्य कॉलोनियों में सीवर व पेयजल की लाइन बिछाई जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह काम आगामी करीब तीन साल में पूरा हो पाएगा। इसके बाद शहर में अगले 25 साल तक सीवर व पेयजल की लाइनें बिछाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्रफल को ध्यान को रख कर लाइनें बिछाई जा रही हैं।

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