हाईवे पर हादसे रोकने को अब सात टीमें करेंगी दिन-रात निगरानी

हाईवे पर हादसे रोकने के लिए अब आरटीए की सात टीमें दिनरात निगरानी करेंगी। अभी तक तीन टीमों के भरोसे ही हाईवे पर वाहनों की चेकिग की जा रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Sep 2020 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 05:08 AM (IST)
हाईवे पर हादसे रोकने को अब सात टीमें करेंगी दिन-रात निगरानी
हाईवे पर हादसे रोकने को अब सात टीमें करेंगी दिन-रात निगरानी

डीपी आर्य, सोनीपत

हाईवे पर हादसे रोकने के लिए अब आरटीए की सात टीमें दिनरात निगरानी करेंगी। अभी तक तीन टीमों के भरोसे ही हाईवे पर वाहनों की चेकिग की जा रही थी। टीमें ओवरस्पीड, ओवरलोड, अवैध संचालन और यातायात के नियमों का पालन न करने पर कार्रवाई करेगी। हादसों का सबसे बड़ा कारण वाहनों का अवैध संचालन माना जा रहा है। मानकों को ताक पर रखकर चलने वाले वाहन कार्रवाई से बचने के लिए तीव्र गति से चलते हैं। ऐसे में ये यातायात के नियमों को तोड़ते हैं। ऐसे में हादसे होने की आशंका बढ़ जाती है।

जिले में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हाईवे पर होते हैं। जीटी रोड पर हर महीने एक बड़ा हादसा हो जाता है। एक्सीडेंट के ज्यादातर मामलों की जांच कराई जाती है। पुलिस के साथ ही परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा संगठन की टीम हादसे होने की जांच करती है। जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि वाहन चालक सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं। वाहनों की स्पीड तय मानक से कई गुना ज्यादा होती है और वह ओवरलोड होते हैं। ओवरलोड होने से कई बार वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं। हाईवे पर रोजाना 50 से ज्यादा बड़े वाहन अवैध रूप से चलते हैं। वहीं छोटे वाहनों की संख्या करीब पांच सौ है। ऐसे वाहनों के चालक पुलिस से बचने के लिए अत्यंत तीव्र गति से चलते हैं। ऐसे में कई बार ये सुरक्षा मानकों और नियमों का पालन नहीं करते, जिससे दूसरे वाहन इनकी चपेट में आ जाते हैं। अधिकारियों का मानना है कि वाहनों का अवैध संचालन, ओवरलोडिग, ओवर स्पीड और चालकों के शराब पीने पर रोक लगा दी जाए तो हादसों की संख्या में 90 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। एक कार में सवार थे 18 लोग

अधिकारियों ने मंगलवार को हाईवे पर कुल 27 वाहनों पर कार्रवाई की थी। इनमें से पांच मारुति वैन व तीन इको थीं। इन वाहनों में 15 से 18 यात्री बैठे हुए मिले। इनको सीज कर दिया गया है। इसी तरह 16 डग्गामार बसों में 50 से 60 यात्री बैठे मिले। इनमें कोरोना से बचाव के मानकों का उल्लंघन किया जा रहा था। इनको भी सीज कर दिया गया है। पूरी कार्रवाई एडीसी के निर्देश पर की गई। मानकों को ताक पर रखकर दौड़ रहे वाहनों से एक ओर जहां हादसे हो रहे हैं तो सड़कों को नुकसान हो रहा है और राजस्व चोरी की जा रही है। इसमें लिए हमने दिनरात चेकिग करने की व्यवस्था शुरू की है। अब जांच टीमों की संख्या तीन से बढ़ाकर सात कर दी गई है।

- राजेश मलिक, सड़क सुरक्षा अधिकारी, परिवहन प्राधिकरण

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