एक महीने तक वाहन चालकों को किया जाएगा जागरूक
सरकार ने एक महीने तक यातायात सुरक्षा को जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसका आरंभ 18 जनवरी से हो गया है। बृहस्पतिवार को एडीसी ने सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : सरकार ने एक महीने तक यातायात सुरक्षा को जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसका आरंभ 18 जनवरी से हो गया है। बृहस्पतिवार को एडीसी ने सड़क सुरक्षा से संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया। उन्होंने एक महीने तक चलने वाली कार्ययोजना पर जरूरी निर्देश दिए। इसके साथ ही इस महीने हादसों में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य लेकर काम करने के निर्देश दिए।
एडीसी ने मिनी सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि हमको यह जानकारी है कि हादसे होने का कारण क्या है। हम यह भी भली प्रकार समझते हैं कि हादसों को किस तरह से रोका जा सकता है। 80 प्रतिशत हादसों को जरा सी सावधानी से रोका जा सकता है। बैठक में यातायात प्रभारी डीएसपी जोगिंद्र सिंह राठी, प्रभारी इंस्पेक्टर परिवहन प्राधिकरण सुभाष चंद, सड़क सुरक्षा अधिकारी राजेश मलिक, आरएसए विक्रम तुषीर, एसएचओ यातायात थाना मुरथल जोगेंद्र ग्रेवाल, एसएचओ यातायात शिवदर्शन व अविनाश सिन्हा मौजूद रहे। मीटिग के बाद अधिकारियों ने आटो पर चमकीली टेप और हादसों से बचने को जागरूक करने वाले बैनर-पोस्टर लगाए।
अभियान की रूपरेखा
20-25 जनवरी --- एमपी-एमएलए और जनप्रतिनिधियों को शामिल कर राहगीरी कार्यक्रम। वाहन चालकों को जागरूक करने के लिए अभियान और महिलाओं की दोपहिया वाहनों की रैली निकाली जाएगी। 26-30 जनवरी --- ओवर स्पीड व शराब पीकर ड्राइविग रोकने को अभियान। रोड मार्किंग और प्रदूषण केंद्रों की जांच। मेडिकल जांच कैंप।
31 जनवरी से 04 फरवरी --- रांग साइड ड्राइविग रोकने को अभियान। स्कूल बसों और छात्रों के दो-पहिया वाहनों की चेकिग व जागरूकता।
05 से 09 फरवरी---यातायात के नियमों का सख्ती से पालन, थ्री-व्हीलर व टैक्सी चालकों का जागरूकता अभियान 10 से 14 फरवरी --- यातायात सुरक्षा को नुक्कड़ नाटकों का आयोजन, एंबुलेंस के उपकरणों की जांच को अभियान 15 से 17 फरवरी--- ट्रैफिक लाइट की जांच, ग्रामीणों और ठेली-पटरी वाले दुकानदारों को जागरूक करने को अभियान किसी भी महामारी से ज्यादा मौत सड़क हादसों में होती हैं। यह ऐसी मानवीय लापरवाही है, जो जिदगी लील रही है। केवल जागरूकता से ही हर साल सैकड़ों जिदगी बचाई जा सकती हैं। हमको वाहन चालकों को जिम्मेदार बनाना होगा।
- मुनीष कुमार, एडीसी व प्रभारी यातायात माह