संशोधित भूमि अधिग्रहण नीति किसानों के हित में नहीं: जगबीर

संवाद सहयोगी, गोहाना: गोहाना हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक जगबीर ¨सह मलिक ने कहा कि प्रदेश सर

By Edited By: Publish:Sat, 24 Sep 2016 07:00 PM (IST) Updated:Sat, 24 Sep 2016 07:00 PM (IST)
संशोधित भूमि अधिग्रहण नीति किसानों के हित में नहीं: जगबीर

संवाद सहयोगी, गोहाना:

गोहाना हलके से कांग्रेस पार्टी के विधायक जगबीर ¨सह मलिक ने कहा कि प्रदेश सरकार की संशोधित भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास की नीति पूरी तरह से किसान विरोधी है। इस नीति से किसान बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों ने भाजपा के चेहरे से किसान हितैषी होने के नकाब भी उतारा है।

मलिक निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मलिक ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने व्यवस्था की थी कि किसान की शहरी भूमि का अधिग्रहण होने पर मार्केट रेट से दो गुणा और ग्रामीण भूमि के लिए चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कुछ दिन पहले भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन किया है। अब यह व्यवस्था कर दी है कि मुआवजा कलेक्टर रेट से 20 फीसदी ही ज्यादा दिया जाएगा। पहले हर साल कलेक्टर रेट बढ़ते थे, लेकिन इस साल घटा दिए गए हैं। कांग्रेस विधायक का कहना है कि पहले प्रावधान था कि जिस भी किसान की जमीन अधिग्रहण की जाती थी, उसे अनिवार्य रूप से प्लाट मिलता था और अढ़ाई एकड़ से ज्यादा जमीन का अधिग्रहण होने की अवस्था में कमर्शियल साइट भी मिलती थी। अब कमर्शियल साइट का किस्सा ही मिट गया है तो कुल प्लाटों के 12 फीसद प्लाट ही जमीन के मालिक किसानों को मिलेंगे, वे भी ओपन ड्रा द्वारा। नए संशोधन में 100 में से 88 किसानों को अब प्लाट नहीं मिलेंगे। मलिक ने इस प्रावधान पर भी कड़ी आपत्ति की कि जिस किसान का गांव में अपना खुद का मकान होगा, उसे कोई प्लाट नहीं मिलेगा। इसी तरह से नई नीति रायल्टी को ले कर भी मौन है। कांग्रेस सरकार ने 33 साल तक हर साल 15 हजार रुपये और प्रति वर्ष 500 रुपये की वृद्धि का प्रावधान किया था। लेकिन भाजपा सरकार की नई नीति में रायल्टी का जिक्र तक न होना शक पैदा करता है कि रायल्टी को खत्म कर दिया गया है। इस मौके पर कृष्ण सैनी, डॉ. दिलबाग खां, जयदेव देशवाल, आजाद ¨सह दांगी, बंसी वाल्मीकि, तरुण मलिक, विक्की चौहान आदि मौजूद रहे।

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